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कथक सम्राट बिरजू जी महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- January 17th 2022 11:35 AM -- Updated: January 17th 2022 12:29 PM
कथक सम्राट बिरजू जी महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

कथक सम्राट बिरजू जी महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

मशहूर कथक नर्तक और पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) का 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक (Heart Attack) से निधन हो गया। कथक सम्राट बिरजू महाराज का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। उनके न‍िधन की सूचना सबसे पहले उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी। उन्‍होंने लिखा, ‘बहुत ही गहरे दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि आज हमने अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू जी महाराज को खो दिया। 17 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली। मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।’ बिरजू जी महाराज के निधन पर पीएम मोदी के साथ साथ देशभर ने सोशल मीडिया पर शोक प्रकट किया।  

कथक के पर्याय रहे बिरजू महाराज देश के प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक थे। वे भारतीय नृत्य की कथक शैली के आचार्य और लखनऊ के 'कालका-बिंदादीन' घराने के प्रमुख थे। बिरजू महाराज ने दिल्ली स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो 'लखनऊ घराने' से थे और वे अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। बिरजू महाराज जिस अस्पताल में पैदा हुए, उस दिन वहां उनके अलावा बाकी सब लड़कियों का जन्म हुआ था, इसी वजह से उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया। जो आगे चलकर 'बिरजू' और फिर 'बिरजू महाराज' हो गया।  
बिरजू महाराज कथक नर्तक होने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज ने कथक नृत्य को नई ऊंचाइयां दी हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी थी। कई बॉलीवुड फिल्‍मों के ल‍िए किया डांस कोरियोग्राफ उनके कथक डांस की कायल पूरी दुनिया रही थी। पंडित बिरजू महाराज ने हिंदी सिनेमा की फिल्मों के लिए कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया और कई अभिनेत्रियों को डांस सिखाया था। पंडित बिरजू महाराज ने डेढ़ इश्किया, देवदास, और बाजी राव मस्तानी जैसी कामयाब और हिंदी सिनेमा में मील का पत्‍थर मानी जाने वाली फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की थी। इसके अलावा उन्‍होंने सत्यजीत राय की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी‘ में म्यूजिक भी दिया था। फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में बिरजू महाराज ने गाने 'काहे मैं तोसे हारी' और 'तड़प तड़प सगरी रैन गुजरी' गानों को कोरियोग्राफ किया था। उन्‍हें साल 2012 में विश्वरूपम फिल्म में डांस कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा साल 2016 में बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल‘ गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। भारत का ये सितारा आज सदा के लिए अस्त हो गया। बिरजू जी महाराज के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर बिरजू जी महाराज को कई लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।  
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भारतीय कला-संस्कृति को कथक नृत्य शैली के माध्यम से संपूर्ण विश्व में प्रसिद्धि दिलाने वाले कथक सम्राट पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनको मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पंडित बिरजू महाराज जी का निधन कला जगत एवं देश के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे। ॐ शांति
- Nitin Gadkari (@nitin.gadkari) 17 Jan 2022

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