जानिए कैसे अलग है स्पुतनिक-वी वैक्सीन, वायरस पर कितनी प्रभावी?
नई दिल्ली। 'स्पूतनिक-वी' के ट्रायल के आंकड़ों की रिपोर्ट पर की गई समीक्षा के बाद इस वैक्सीन के भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की सिफारिश की गई है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भी मंगलवार को इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब देश में कोरोना के तीन टीके उपलब्ध हैंं, जिससे कोरोना वायरस पर तेजी से नियंत्रण पाया जा सकता है। [caption id="attachment_488791" align="aligncenter" width="1600"] जानिए कैसे अलग है स्पुतनिक-वी वैक्सीन, वायरस पर कितनी प्रभावी?[/caption] यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित, अब इस तारीख को होंगे एग्जाम यह भी पढ़ें- प्रदेश में 18 मंडियों में गेहूं खरीद पर सरकार ने लगाई रोक, यह है वजह [caption id="attachment_488789" align="aligncenter" width="700"] जानिए कैसे अलग है स्पुतनिक-वी वैक्सीन, वायरस पर कितनी प्रभावी?[/caption] बाकी दोनों वैक्सीन से कैसे अलग है स्पुतनिक-वी स्पुतनिक-V शरीर में कोरोनोवायरस स्पाइक प्रोटीन का एक छोटा सा हिस्सा पहुंचाने के लिए कोल्ड-टाइप वायरस का उपयोग करता है, जिससे यह वैक्सीन इस वायरस के प्रति प्रतिरक्षा को विकसित करने में मदद करता है। यह वैक्सीन ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की तरह ही काम करती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है स्पुतनिक-V दो खुराक में दो अलग-अलग वैक्टर का उपयोग करता है। यही दोनों वैक्टर कोरोना वायरस का सामना करने के लिए प्रतिरक्षक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। इस वैक्सीन को भंडारण के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तामपान की आवश्यकता होती है। 91.6 फीसदी प्रभावी है स्पुतनिक-V हैदराबाद आधारित दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने पिछले सप्ताह भारत सरकार से इस वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगी थी। यह वैक्सीन 91.6 फीसदी प्रभावी है और फिलहाल इसका यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। [caption id="attachment_488788" align="aligncenter" width="700"] जानिए कैसे अलग है स्पुतनिक-वी वैक्सीन, वायरस पर कितनी प्रभावी?[/caption] 20 करोड़ खुराक का उत्पादन का समझौता इस वैक्सीन के निर्माण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और हैदराबाद स्थित विरचो बायोटेक ने 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए एक समझौता किया है। स्पुतनिक-V भारत को वैक्सीन की कुल 8.5 करोड़ डोज मुहैया कराएगा, ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस वैक्सीन को अनुमति मिलने के बाद भारत में कोविड-19 से लड़ाई को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।