गुरुग्राम बिल्डिंग हादसा: 16 घंटे बाद मलबे में दबे व्यक्ति को जिंदा निकाला गया, महिला को बचाने की कोशिशें जारी
बीती शाम दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सेक्टर 109 में स्थित चिंतल पैराडाइसो के डी टावर में एक बिल्डिंग के एक के बाद एक अचानक से छह फ्लोर्स की छत्तें गिर गई थी। इस हादसे में इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग सर्विस के ऑफिसर अरुण कुमार श्रीवास्तव मलबे में दबे हुए थे। पूरे 16 घंटे बाद अब उन्हें जिंदा निकाला गया है। कल से उनके पैर का निचला हिस्सा मलबे में फंसा हुआ था।
मलबे से निकालने के बाद अरुण कुमार श्रीवास्तव को प्राथमिक उपचार देने के बाद एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। अब टीमें पहली मंज़िल पर मलबे में फंसी महिला को निकालने में लगी हैं। इस हादसे की जांच अतिरिक्त ज़िलाधीश विश्राम कुमार मीणा को सौंपी गयी है।
बता दें कि चिंतल पैराडाइसो हाई राइज सोसाइटी में गुरुवार शाम करीब सवा 6 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ. इस सोसाइटी के डी ब्लॉक में छठे मंजिल के फ्लैट में रेनोवेशन का काम चल रहा था। उसी दौरान ड्राइंग रूम का फ्लोर भरभरा कर नीचे गिर गया, जिसके बाद छठे फ्लोर से नीचे ग्राउंड फ्लोर तक के सभी फ्लैट के छत और फ्लोर क्षतिग्रस्त हुए।
हालांकि बताया जा रहा है कि छठे फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर तक कुछ फ्लैट बंद थे, उनमें कोई नहीं रहता था, लेकिन बाकी फ्लैट में हादसे के वक्त मौजूद कुछ लोगों के मलबे की चपेट में आने की आशंका थी। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, जबकि एक महिला की मौत की पुष्टि है। मृतक महिला के पति की शिकायत के आधार पर बिल्डर पर मामला दर्ज कर लिया गया है।