कृषि कानूनों को लेकर पीएम से हुई थी बहस, बहुत घमंड में थे प्रधानमंत्री- राज्यपाल सत्यपाल मलिक
चरखी दादरी। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दादरी में आयोजित कार्यक्रम में किसान आंदोलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई बहस को लेकर पूरी सच्चाई बयां की। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया कि कैसे उनका किसान आंदोलन के दौरान पीएम के साथ झगड़ा हुआ था। आखिरकार किसानों की जीत हुई और पीएम को माफी मांगनी पड़ी। आज समाज व किसानों की एकता के बूते कृषि कानून रद्द हुए हैं।
बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक चरखी दादरी में स्वामी दयाल धाम पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए तो वे बहुत घमंड में थे। मैंने उनको जब बताया कि 500 किसान मर चुके हैं तो वे बोले कि जब कोई कुतिया भी मरती है तो चिट्ठी लिख देते हो। इस मामले को लेकर अमित शाह से मिल लो।
मलिक के अनुसार वे अमित शाह से मिले तो उन्होंने भी कहा कि पीएम को किसी ना किसी दिन समझ में आ ही जाएगा। आखिरकार पीएम को समझ आया और माफी मांगते हुए कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा।
राज्यपाल मलिक ने संबोधन में बताया कि मेरे कहने से नहीं बल्कि आमजन की एकता के चलते जीत हुई है। मैं बहुत पदों पर रह लिया, हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रहा। जनता व इमानदारी मेरी ताकत है। इसी बूते ही मैंने प्रधानमंत्री से पंगा ले लिया था। मेघालय का राज्यपाल बनने के बाद भी दो ऐसे केस आए जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार से संबंधित थे। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री के संज्ञान में लिया। आज तक मैंने भ्रष्टाचार नहीं किया इसलिए मुझ पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।