नीरज चोपड़ा ने किया चौकने वाला खुलासा, टोक्यो ओलंपिक के बाद हो गई थी ये समस्या
नेशनस डेस्क: टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाया था। इसके बाद नीरज चोपड़ा भारत के पोस्टर ब्बॉय बन गए थे। टोक्यो ओलिंपिक में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का थ्रो फेंक कर गोल्ड मेडल जीता था। नीरज का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 88.07 मीटर है। उन्होंने मीडिया से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब उनकी नजरें वर्ल्ड के बेस्ट एथलीट्स में शामिल होने पर हैं। इसके लिए वो दिन रात 90 मीटर की दूरी तक भाला फेंकने की तैयारी कर रहे हैं।ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा कि मैं 90 मीटर दूर भाला फेंकने की तैयारी में जुटा हूं। नीरज का मानना है कि यदि वे 90 मीटर की दूरी तक भाला फेंकते हैं, तो उनका नाम इस खेल के वर्ल्ड बेस्ट प्लेयर्स में शामिल हो जाएगा। नीरज चोपड़ा ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक के बाद उन्होंने सब कुछ खाया पीया। इसका नतीजा ये हुआ कि उनका वजन 12 से 13 किलो तक बढ़ गया। [caption id="attachment_562927" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] नीरज चोपड़ा ने कहा कि मेडल जीतना एक बात है, लेकिनज्यादा दूरी तक भाला फेंकना अलग बात है। 90 मीटर का थ्रो फेंकने से मेरा नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ियों में शामिल होगा। मैं इसके करीब हूं और जल्द ही यह भी पार करूंगा, लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता. मुझपर कोई दबाव भी नहीं है कि वहां तक नहीं पहुंचा तो गड़बड़ हो जाएगी। [caption id="attachment_562928" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] नीरज ने कहा कि अभी मैं दो मीटर दूर हूं। यह कम भी नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं, क्योंकि मेरी तैयारी अच्छी है। मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता, लेकिन यह ऐसी बाधा है जो मुझे इस साल पार करनी है। तकनीक में ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं है। मैं जो कर रहा हूं। उसी में सुधार करूंगा। दमखम और रफ्तार पर काम करना होगा तो दूरी अपने आप तय हो जाएगी। [caption id="attachment_562929" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] बता दें कि नीरज अभी अमेरिका के चुला विस्टा में ऑफ सीजन अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं 22 दिन से प्रैक्टिस कर रहा हूं और अब तक 5.5 किलो वजन कम कर लिया है। अब मेरा वजन ऑफ सीजन वजन के करीब है। शुरुआती कुछ दिन कठिन थे। शरीर में दर्द होता था और काफी मेहनत करनी पड़ती थी। मैं थक जाता था, लेकिन शरीर के लिए कड़ा अभ्यास कर रहा हूं, ताकि जल्द ही भाला फेंकने की कड़ी प्रैक्टिस कर सकूं।'