पीएम मोदी ने किया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकर्पण, जानिए इसकी भव्यता के बारे में
नेशनल डेस्क: आज प्रधानमंत्री मोदी ने 500 साधु संतों और मंत्रोच्चार के साथ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया। अब कॉरिडोर के रास्ते पर काशी का भव्य-दिव्य स्वरूप दिखाई देगा। लंबे समय से इस परियोजना पर काम किया जा रहा था और करीब 32 महीने में बाबा के पूरे परिसर का कायाकल्प हो गया। [caption id="attachment_557921" align="alignnone" width="300"] काशी विश्वनाथ कॉरिडोर[/caption] वाराणसी से लोकसभा सांसद प्रधानमंत्री मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके निर्माण में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं। अब काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा। गंगा घाट से सीधे कॉरिडोर के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
काशी विश्वनाथ धाम करीब 5 लाख स्कवॉयर फीट में बना हुआ है। इसकी कुल लगात 900 करोड़ रुपये है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिसमें काशी की महिमा का वर्णन है। इसमें चुनार के गुलाबी पत्थर, मकराना के सफेद मार्बल और वियतनाम के खास पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
गौरतलब है कि 250 साल के बाद मंदिर का पहली बार जीर्णोद्धार हुआ है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च, 2019 को किया था। इसके बाद आस-पास के कई भवनों को अधिग्रहित किया गया था। मान्यता है भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। [caption id="attachment_557923" align="alignnone" width="300"] काशी विश्वनाथ कॉरिडोर[/caption] काशी सदैव अध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा का केंद्र रही है। काशी विश्वनाथ धाम के विस्तार और सौन्दर्यीकरण से सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे वाराणसी का आध्यात्मिक गौरव और समृदध होगा। प्रधानमंत्री मोदी का विजन इस कॉरिडोर को इस तरह से बदलना था कि यह न केवल तीर्थयात्रियों के आध्यात्मिक उत्साह को बनाए, बल्कि विरासत, दर्शन और अध्यात्म में रुचि रखने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जा सके। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मंदिर के दिव्य स्वरूप से वाराणसी के विकास को भी गति मिलेगी। धर्मिक गतिविधियां बढ़ने से रोजगार सृजन, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों का भी तेजी से प्रसार होगा। विभिन्न प्रकार के लघु उद्योग और बनारसी साड़ी कास्ट के खिलौने, मीनाकारी आदि को भी बढ़ावा मिलेगा। काशी कॉरि़डोर का लोकार्पण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूं. देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं. काशी में कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं.''पीएम मोदी ने कहा- काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है. काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है. जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?Prime Minister Narendra Modi offers prayers to Lord Shiva at Kashi Vishwanath Temple in his parliamentary constituency Varanasi (Source: DD) pic.twitter.com/3t1iJCL3kM — ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021