गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ, 50 हजार करोड़ होंगे खर्च
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 6 लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब-करीब 80-85 करोड़ लोग जो गांवों में रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है और यह जो हमारे गावों की जनसंख्या हैं, ये जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है। ये जनसंख्या, पूरे अमेरिका को मिला दें, रूस को मिला दें, ऑस्ट्रेलिया को मिला दें, तो भी उससे कहीं ज्यादा है। इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना, इतनी सफलता से मुकाबला करना, बहुत बड़ी बात है। हर हिंदुस्तानी इस बात के लिए गर्व कर सकता है। इस सफलता के पीछे हमारे ग्रामीण भारत की जागरूकता ने काम किया है, पंचायत स्तर तक हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं, हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं, हमारे चिकित्सा केंद्र-वेलनेस सेंटर, हमारे स्वच्छता अभियान की अहम भूमिका रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब के कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। ये अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए। इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं। वो अपनी मेहनत और हुनर से अपने गाँव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं! वो जब तक अपने गांव में हैं, अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मेरे श्रमिक साथियों, देश आपकी भावनाओं को भी समझता है और आपकी जरूरतों को भी। आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोज़गार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओड़ीशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान, इन 6 राज्यों के 116 जिलों में ये अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा। हमारा प्रयास है कि इस अभियान के जरिए श्रमिकों और कामगारों को घर के पास ही काम दिया जाए। अभी तक आप अपने हुनर और मेहनत से शहरों को आगे बढ़ा रहे थे, अब अपने गाँव को, अपने इलाके को आगे बढ़ाएँगे। और साथियों, आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कुछ श्रमिक साथियों से ही मिली। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने मीडिया में एक खबर देखी थी। ये खबर उत्तर प्रदेश के उन्नाव से थी। वहां एक सरकारी स्कूल को क्वारन्टाइन सेंटर बनाया गया था। जो शहर से श्रमिक वापस आये थे उनको वहां रखा था। इस सेंटर में हैदराबाद से आए कई श्रमिकों को रखा गया था। ये श्रमिक रंगाई-पुताई और पीओपी के काम में एक्सपर्ट थे। ये अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे। तो उन्होंने सोचा ऐसे पड़े रहेंगे तो टाइम खाते रहेंगे उसके बजय हम जो जानते हैं हमारे हुनर का उपयोग करिए। और देखिए, सरकारी स्कूल में रहते हुए, इन श्रमिकों ने अपने हुनर से, स्कूल का ही कायाकल्प कर दिया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरे श्रमिक भाई-बहनों के इस काम को जब मैंने जाना, उनकी देशभक्ति ने, उनके कौशल ने, मुझे मेरे मन को प्रेरणा दी, उसी में से मुझे आईडिया आया की यह कुछ करने वाले लोग हैं, और उसी में से इस योजना का जन्म हुआ है। आप सोचिए, कितना टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है। देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी! प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं! इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है। ये 25 काम या प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जो गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं, जो गांव के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं। ये काम अपने ही गांव में रहते हुए, अपने परिवार के साथ रहते हुए ही आपको करने का अवसर मिलेगा । अब जैसे, खगड़िया के तेलिहार गांव में आज से आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी और कुआं बनाने का काम शुरू किया किया जा रहा है। इसी तरह हर गांव की अपनी-अपनी जरूरतें हैं। इन जरूरतों को अब गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके तहत अलग-अलग गांवों में कहीं गरीबों के लिए पक्के घर भी बनेंगे, कहीं वृक्षारोपण भी होगा, कहीं पशुओं को रखने के लिए Shed भी बनाए जाएंगे। पीने के पानी के लिए, ग्राम सभाओं के सहयोग से जल जीवन मिशन को भी आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा, जहां जरूरी है सड़कों के निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा। और हां, जहां पंचायत भवन नहीं हैं, वहां पंचायत भवन भी बनाए जाएंगे। पीएम ने आगे कहा कि ये तो वो काम हैं जो गांव में होने ही चाहिए। लेकिन, इसके साथ-साथ इस अभियान के तहत आधुनिक सुविधाओं से भी गांवों को जोड़ा जाएगा। अब जैसे, शहरों की तरह ही गांव में भी हर घर में सस्ता और तेज़ इंटरनेट होना ज़रूरी है। जरूरी इसलिए ताकि गांव के हमारे बच्चे भी अच्छे से पढ़-लिख सकें। गांव की इस जरूरत को भीगरीब कल्याण रोज़गार अभियान से जोड़ा गया है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब गांव में, शहरों से ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल हो रहा है। गांवों में इटंरनेट की स्पीड बढ़े, फाइबर केबल पहुंचे, इससे जुड़े कार्य भी होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी और मुझे याद है जब शुरू में हम गरीबों के लिए योजना लाये तो चारो तरफ चिल्लाहट शुरू हुई थी - उद्योगों का क्या होगा, व्यापर का क्या होगा, MSME का क्या होगा, सबसे पहले यह करो। बहुत लोगो ने मेरी आलोचना की थी. लेकिन मैं जानता हूँ इस संकट में गरीबों का हाथ पकड़ना प्राथमिकता थी मेरी। ---PTC NEWS---