चिंतन शिविर में राहुल गांधी की कांग्रेस नेताओं को नसीहत, कहा: अब शॉर्टकट नहीं...खून और पसीना बहाना होगा
राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज आखिरी दिन था। चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी अपने भाषण में कांग्रेस नेताओं को नसीहत देते नजर आए। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि हमें ये स्वीकार करना होगा कि हम टूट चुके थे। अब हमें मजबूत बनना होगा। ये शॉर्टकट मारने से हासिल नहीं होगा, इसके लिए मेहनत और पसीना बहाना पड़ेगा। राहुल ने कांग्रेस के नेताओं को दो टूक सुनाते हुए कहा कि जब भी कांग्रेस के नेता आते हैं तो यही बात दोहराते हैं कि हमें क्या मिलेगा, जबकि उल्टा यह होना चाहिए कि हम जनता को क्या दे सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है कि अक्टूबर में पूरी कांग्रेस पार्टी देशभर की जनता के बीच में जाएगी और जनता के साथ कांग्रेस के पुराने रिश्तों को मजबूत करेगी। राहुल गांधी ने कहा कि जनता जानती है कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे तक ले जा सकती है। हमें जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए। उनकी सोच क्या है उसे समझना चाहिए और ये काम मेहनत और पसीना बहाकर ही किया जा सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि कई बार हमारे बड़े नेता अवसाद में चले जाते हैं, क्योंकि लड़ाई आसान नहीं है। ये जंग कोई क्षेत्रीय पार्टी नहीं लड़ सकती है, क्योंकि ये लड़ाई विचारधारा की है। आरएसएस की विचारधारा से कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है। रीजनल पार्टी बीजेपी को नहीं हरा सकती हैं, क्योंकि उनके पास विचारधारा नहीं है। राहुल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी में दलितों को अपमानित किया जाता है। वहां कोई भी व्यक्ति अपनी बात नहीं रख सकता है, लेकिन कांग्रेस में अपनी बात खुलकर रखने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि बताइये इस देश में कौन सी पार्टी इस तरह की बातचीत की आज्ञा देती है? निश्चित तौर पर बीजेपी और आरएसएस ऐसा कभी नहीं होने देंगे। सिर्फ कांग्रेस में ही अपनी बातचीत खुलकर रखने की आजादी है।