लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में नया मोड़, सोची समझी साजिश के तहत कुचले गए थे प्रदर्शनकारी किसान
नेशनल डेस्क: किसान संगठन और धरने पर बैठे किसान (Farmer protest) लंबे समय से लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Violence) पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। अब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में नया मोड़ आ गया है। एसआईटी (SIT) ने अपनी जांच में पाया है कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। एसआईटी ने अब आरोपियों पर लगाई गई धाराएं भी बदल दी हैं।
[caption id="attachment_558177" align="alignnone" width="300"] लखीमपुर खीरी हिंसा (फाइल फोटो)[/caption]
अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर अब गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या का केस चलेगा। आज आरोपियों की कोर्ट में पेशी भी होनी है।लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों पर जांच के बाद धाराएं बदली गई हैं। सभी आरोपियों पर जानबूझकर प्लानिंग करके अपराध करने का आरोप है। एसआईटी ने IPC की धाराओं 279, 338, 304 A को हटाकर 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई हैं।
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लखीमपुर खीरी हिंसा (फाइल फोटो)[/caption]
बता दें कि इसी साल तीन अक्टूबर को यूपी में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था, जब वह एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे।
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लखीमपुर खीरी हिंसा (फाइल फोटो)[/caption]
घटना के बाद हुई हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए। घटना के दौरान एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप भी मारे गए थे। किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की पहली सुनवाई आठ अक्टूबर को हुई थी। हिंसा के कई दिनों के बाद आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 9 अक्टूबर कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। किसान भी लंबे समय से इस मामले में सरकार से मांग कर रहे थे।