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अंबाला। (कृष्ण बाली) सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी हरियाणा में भ्रष्टाचार कम नहीं हो पा रहा है! आये दिन कहीं न कहीं हरियाणा में रिश्वत के मामले सामने आ जाते हैं! हालांकि सरकार उसमें करवाई भी कर रही है लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार रोकने में सरकार नाकामयाब दिख रही है! इसी तरह का एक मामला अम्बाला से सामने आया है, जहां आउटसोर्सिंग पर लगे एक सुपरवाइजर को विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा! एसपी विजिलेंस सुरेश कौशिक के अनुसार संजीव नामक सुपरवाइजर व् उसके कुछ साथी नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते हैं। उसी शिकायत पर संजीव को रैड हैन्डिड गिरफ्तार करके आज कोर्ट में पेश किया।
आउटसोर्सिंग पर लगे एक सुपरवाइजर को विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा!
स्टेट विजिलेंस के एसपी सुरेश कौशिक के अनुसार यमुनानगर वासी राजेश की शिकायत आई थी कि सिविल अस्पताल अम्बाला शहर में लगे सुपरवाइजर संजीव और उसके साथ कुछ लोग मिले हुए हैं और वो नौकरी लगवाने की एवज में उससे पैसे की डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह जांच का विषय है लेकिन इसमें तीन लोग शामिल हैं। इनके द्वारा मिलकर नौकरी लगवाने के नाम पर गरीब लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं और इन्हें बुरी तरह से ठगा जा रहा है।
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आउटसोर्सिंग पर लगे एक सुपरवाइजर को विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा!
वहीं इसपर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि वो हमेशा से ही आऊटसोर्सिंग के खिलाफ रहे हैं। विज का मानना है कि विभाग में आऊट सोर्सिंग के कारण इसमें भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं। अम्बाला शहर के नागरिक अस्पताल में यह मामला सामने आने पर विज ने एक बार फिर अपनी सरकार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए। विज का कहना है कि सरकार के सारे निर्णय मेरे तक नहीं पहुंच पाते और मैंने इसमें फैले भरष्टाचार बारे पांच साल में कई पत्र लिखे हैं कि आऊटसोर्सिंग की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। यह शोषण है, भ्रष्टाचार की जननी है।
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