नोएडा में सुपरटेक द्वारा निर्मित 40 मंजिला दो टावरों को गिराने का आदेश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक द्वारा निर्मित 40 मंजिला दो टावरों को गिराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था। कोर्ट ने कंपनी को फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ प्रतिपूर्ति करने का आदेश दिया है।
इन ट्विन टावर्स को इसलिए तोड़ना पड़ा क्योंकि जिस जमीन पर टावर खड़ें है वो जगह खेलने-कूदने के लिए आरक्षित थी। जगह सुपरटेक की ही थी लेकिन उसने अवैध तरीके से पार्क वाली जगह पर ही दोनों टावर खड़े कर डाले।
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हालांकि पहले हाईकोर्ट ने भी इन टावरों को गिराने का आदेश दिया था लेकिन बिल्डर सुप्रीम कोर्ट चला गया और अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा है। सुपरटेक की ओर से इस मामले में अब रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कही जा रही है।
दोनों बिल्डिंग्स को ट्विन टावर्स बोला जाता है। दोनों टावर्स में करीब 1000 फ्लैट हैं। 633 फ्लैट बुक हुए थे। इसमें से 133 लोग दूसरे प्रोजेक्ट में मूव कर गए। 248 ने पैसा वापस ले लिया, जबकि 252 लोगों का पैसा अभी भी फंसा हुआ है। जिन लोगों का पैसा इसमें फंसा है उन्हें ये पैसा 2 महीने में 12% सालाना ब्याज के साथ मिल जाएगा।