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चंद सेकेंड में मिट्टी में मिला कई मंजिला ट्विन टावर, आसमान में छाया धूल का गुबार

Written by  Vinod Kumar -- August 28th 2022 02:45 PM -- Updated: August 28th 2022 03:01 PM
चंद सेकेंड में मिट्टी में मिला कई मंजिला ट्विन टावर, आसमान में छाया धूल का गुबार

चंद सेकेंड में मिट्टी में मिला कई मंजिला ट्विन टावर, आसमान में छाया धूल का गुबार

नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर को आज दोपहर ढाई बजे धमाके के साथ गिरा दिया गया। ट्विन टावर में लगाए गए विस्फोटक में धमाका होते ही चंद सेकेंड में गंगनचुंबी दोनों टावर ध्वस्त कर दिए गए। ट्विन टावर की एक इमारत में 32 फ्लोर और दूसरी में 29 फ्लोर थे। टावर के गिरते ही धूल का गुबार पूरे इलाके में फैल गया है। धमाके बाद केवल नौ सेंकड में दोनों इमारतें मलबे में तब्दील हो गई। ट्विन टावर को गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटक को रिमोट पैनल से ब्लास्ट किया गया। टावर के गिरते ही धूल का गुबार आसपास के इलाके में फैल गया। सावधानी और सुरक्षा के चलते कई सड़कों पर ट्रैफिक और आवागमन को पहले ही रोक दिया गया था। वहीं कई रास्तों से ट्रैफिक रूट को डायवर्ट कर दिया गया था। टावर के गिरते ही पूरा इलाका धूल के गुब्बार से ढक गया। करीब दो घंटे तक धूल का गुबार हवा में रहने का अनुमान है। आसपास की इमारतें और फ्लैट धूल की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन ने पहले ही आसपास रह रहे लोगों को वहां से हटा दिया था। हेल्थ इमरजेंसी के तहत नोएडा में तीन अस्पतालों को भी अलर्ट मोर्ड पर रखा गया है। ट्विन टावर को गिरते ही मौके पर मौजूद पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं। स्मॉग गन से पानी का बैछार शुरू कर दी गई। पुलिस भी इलाके में मौजूद लोगों को हटाने में जुट गई। धूल के गुब्बार के कारण लोगों को कुछ परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य संबंधी एडवायजरी प्रशासन पहले ही जारी कर चुका है। ट्विन टावर को गिराने के लिए दोनों इमारतों में 9,640 छेद किए गए थे। इनमे 3700 किलो बारूद भरा गया था। एक बटन दबाते ही दोनों टावर धड़ाम से नीचे आ गिरे। टावर को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च का अनुमान है। इसका खर्च भी निर्माणकर्ता कंपनी सुपरटेक ही देगी। इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हुए थे। सुपरटेक ने इन दोनों इमारतों को बनाने में 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे। CBRI की टीम ट्विन टावर के गिरने के बाद आसपास बनी इमारतों का ऑडिट करेगी। सोसाइटी की इलेक्ट्रिसटी को भी ऑन कर जांचा जाएगा। इसके बाद स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट के बाद अगर लोगों को फ्लैट में लौटने की अनुमति मिलिती है तो सिर्फ सीढ़ियों के इस्तेमाल की ही इजाजत मिलेगी। लिफ्ट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।


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