श्रीलंका की तरह होने वाली है पंजाब की हालत, लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उठाया चंडीगढ़ का मुद्दा: विज
चंडीगढ़ पर दावे को लेकर हरियाणा और पंजाब आमने सामने हैं। हरियाणा विधानसभा में चंडीगढ़ पर दावे को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया है। बीजेपी सरकार में मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने साफ कर दिया है कि हरियाणा चंडीगढ़ में डटा रहेगा और वहां से कहीं नहीं जाएगा। हरियाणा अंगद के पांव की तरह चंडीगढ़ में डटा रहेगा और हमें कोई नहीं उखाड़ सकता। अनिल विज ने कहा कि पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ को लेकर जो प्रस्ताव पास किया वह राजनीतिक प्रस्ताव, शरारतपूर्ण प्रस्ताव है, क्योंकि पंजाब की सरकार यह जानती है कि जो रियायतों का वायदा करके सत्ता हथियाई है, वो वायदे वे पूरा नहीं कर सकते। पंजाब की हालत श्रीलंका जैसी होने वाली है। इसलिए अपने प्रदेश के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने इस मुद्दों को उठाया है। विज ने कहा कि हमें उनकी मंशा समझनी चाहिए। चार दिन की पार्टी अभी शिशुकाल में है। दूध के दांत अभी निकले नहीं हैं। चंडीगढ़ ऐसे ही दे दिया जाएगा? हरियाणा और पंजाब के बंटवारे के समय जितने भी कमीशन बनें, उसमें हरियाणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ। हम लंबी लड़ाई लड़कर भी वहीं के वहीं खड़े हैं। 1966 में जब हरियाणा बना तो हमारी हालत ठीक नहीं थी। परंतु हरियाणा के लोगों ने मेहनत करके तरक्कियों पर पहुंचाया। आज हम पंजाब से बड़े नजर आते हैं। विज ने कहा कि आज हमारी इकोनॉमी ग्रॉथ पंजाब से ज्यादा है। हमनें बड़ा बनकर दिखाया है। मुझे बड़ा अच्छा लगता है कि हम सब अपनी राजनैतिक मतभेद भुलाकर इस मुद्दे पर कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। आज समय है कि पंजाब ने जो शरारत की है, इसे हमने उठाया है। एसवाईएल, हिंदी भाषाई और चंडीगढ़ का मामला नहीं सुलझता, तब तक हम डटे रहेंगे। विज ने कहा कि चंडीगढ़ ऐसे ही नहीं दिया जा सकता, यदि नई राजधानी के लिए केंद्र पैसा नहीं देता, तब तक हम डटे रहेंगे। बता दें कि चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा और पंजाब में विवाद काफी पुराना है, लेकिन पिछले हफ्ते पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर दावे को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव का हरियाणा के तमाम राजनीतिक दलों की ओर से विरोध किया जा रहा है और यह मामला एक बार फिर से गरमा गया है।