यमुनानगर: लम्पी बीमारी की चपेट में आई 2000 हजार गाय, 35 की हुई मौत
यमुनानगर/तिलक भारद्वाज: जिले में 2000 के करीब गौवंश लम्पी बीमारी की चपेट में आ गया है। इस बीमारी की चपेट में आने से 35 गायों की मौत हो चुकी हैं। अभी भी कई गाय जिंदगी और मौत के बीच जंग लड रही है। ज्यादातर गाय अब खड़ी भी नहीं हो पा रही हैं। यमुनानगर के दडवा डेयरी कॉम्पलेक्स में बिना बरसात के ही नालियां पूरी तरह से गोबर से अटी पड़ी हैं। इन नालियों में पानी की निकासी संभव नहीं है। इससे बीमारी का खतरा और बढ़ गया है। पशु पालक और निगर निगम एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। दडवा डेयरी कंप्लेक्स में भरे पानी को निकालने के लिए निगम और पशु पालक आमने सामने भी हो चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लम्पी बीमारी के फैलने के बाद पशु पालकों की नींद उड़ी हुई है। बीमारी के चलत लोगों ने अब इन डेयरी संचालकों से दूध भी लेना बंद कर दिया है। इससे डेयरी संचालकों पर दोहरी मार पड़ रही है। निगम के मेयर ने इसके लिए डेयरी संचालको को ही जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि नालियो में गोबर भरने के कारण पानी की निकासी नहीं हो रही है। वहीं, निगम का दावा है कि बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया है और पानी की निकासी के लिए निगम की टीमों को गांव में भेज दिया है, ताकि पानी की निकासी जल्द से जल्द हो सके। लंपी वायरस का गोशालाओं में अधिक खतरा है, क्योंकि यहां एक साथ सैकड़ों गाय हैं। जगाधरी गोशाला में भी कुछ गायों में बीमारी की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि ये गाय अब बीमारी से रिकवर हो चुकी हैं। यमुनानगर के छछरौली, बनियावाला, दामला, साढौरा, जगाधरी, काठगढ़ लगभग आठ गौशालाएं हैं। इसमें करीब तीन हजार गाय हैं।