आदमपुर उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस का उमड़ा डेरा प्रेम, कांग्रेस प्रत्याशी ने भी खुद को बताया सच्चा डेरा प्रेमी
हिसार/संदीप सैनी: प्रदेश की राजनीति में बीजेपी नेताओं के डेरा सच्चा सौदा में नतमस्तक होने को लेकर खलबली मची हुई है। चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को पैरोल मिलना और उसके बाद बीजेपी के बड़े नेताओं का उनके सत्संग में जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, कांग्रेस के आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश सिंह ने भी अपने आप को असली डेरा प्रेमी बताया है। उन्होंने कहा कि बाबा राम रहीम ने कभी राजनीति में हिस्सेदारी नहीं की और बाबा कभी जयप्रकाश के खिलाफ संदेश नहीं दे सकते, क्योंकि असली डेरा प्रेमी मैं हूं बाकी सब नकली हैं, चाहे आप बाबा राम रहीम और संगत पूछ सकते हैं वह कभी एक प्रेमी के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे। राम रहीम के सत्संग में जाने वाले डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने इसको लेकर कहा कि 1960 में हमारे गांव में डेरा बना था मेरे पिता व उनके भाइयों ने डेरे के नाम जमीन दी थी। मेरा जन्म 1964 में हुआ था और मैं जन्म से ही डेरे से जुड़ा हुआ हूं। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं ऐसी विचारधारा से जुड़ा हूं जो लगातार मानवता की सेवा करने का काम करती है। इस विचारधारा की वजह से हजारों लाखों लोगों ने शराब छोड़ दी और सही रास्ते पर आए हैं। धर्म और पॉलिटिक्स दोनों अलग-अलग चीज हैं, आप किस धर्म को मानते हैं किस मंदिर में जाते हैं वह आपकी अपनी आस्था है। रणबीर गंगवा ने डेरा प्रमुख के अपराध को लेकर कहा कि उन पर जो आरोप हैं उनको लेकर उनकी सजा निचली कोर्ट से हुई है और अब वह अगली कोर्ट में गए हैं। उन पर क्या फैसला आता है वह समय की बात है, ऐसे भी कई मामले हैं जहां उच्च न्यायालय में लोग बरी भी हो जाते हैं। रणबीर गंगवा ने कहा कि बात विचारधारा की है और मैं आज भी डेरा सच्चा सौदा की विचारधारा को फॉलो करता हूं और करता रहूंगा। पार्टी के नेताओं द्वारा राम रहीम के सत्संग में जाने के सवाल पर ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि वह एक व्यक्ति की अपनी निजी आस्था है। कोई किसी धर्म को मानता है कोई किसी को पार्टी में किसी धर्म पर बाध्यता नहीं है, जिसकी जहां आस्था है वह है उसे मान रहा है। वहीं, पैरोल की बात करें तो वह कानूनी प्रक्रिया है और कानून के तहत ही प्रयोग पैरोल किसी भी बंदी को दी जाती है। बाबा ने जो किया है उनकी सजा भुगत रहे हैं।