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क्या 50 सालों से जलने वाली अमर जवान ज्योति आज बुझा दी जाएगी? जानें इसके पीछे का इतिहास

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- January 21st 2022 11:50 AM -- Updated: January 21st 2022 12:35 PM
क्या 50 सालों से जलने वाली अमर जवान ज्योति आज बुझा दी जाएगी? जानें इसके पीछे का इतिहास

क्या 50 सालों से जलने वाली अमर जवान ज्योति आज बुझा दी जाएगी? जानें इसके पीछे का इतिहास

नई दिल्ली: देश के लिए अपने प्राण बलिदान करने वाले वीर सपूतों की याद में 50 सालों से इंडिया गेट पर सदैव जलने वाली अमर जवान ज्योति को अब राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) पर जलने वाली ज्योति में सम्मिलित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अब इंडिया गेट पर ये ज्योति नहीं जलेगी। इंडिया गेट पर यह ज्योति पिछले पांच दशकों से लगातार जल रही है। इस अमर जवान ज्योति को 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में वीरगति को प्राप्त करने वाले सैनिकों की याद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रज्जवलित किया था। तब से लेकर आज तक इंडिया गेट पर ये ज्योति जल रही है। अब इसे इंडिया गेट से करीब 400 मीटर दूर स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर जलने वाली ज्योति में इसे सम्मिलित कर दिया जाएगा। इस कदम का कई लोगों ने और नेताओं ने विरोध भी किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी नें इस पर कहा की "यह बड़े दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी वह आज बुझा दी जाएगी। कुछ लोग देशभक्ति और बलिदान को नहीं समझ सकते - कोई बात नहीं। हम अपने जवानों के लिए एक बार फिर अमर जवान ज्योति जलाएंगे।” अमर जवान ज्योति की लौ को लेकर हुए विवाद पर अब केंद्र सरकार ने सफाई दी है। अब सरकार ने इस पर तथ्यों को सामने रखा है। सरकार ने कहा है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जलने वाली ज्योति में विलीन किया जा रहा है। अब ये ज्वाला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में प्रज्वलित रहेगी। Amar Jawan Jyoti being merged with flame at National War Memorial: Govt sources सरकार के सूत्रों का कहना है, विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं। ज्योति का इतिहास: बता दें की अमर जवान ज्योति दिल्ली में इंडिया गेट पर बनी है जिसमें मार्बल की एक सतह पर राइफल बंदूक खड़ी है और उस पर सैनिक का एक हेलमेट भी टंगा है। इसका इतिहास 50 साल पुराना है। इसे 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए जलाया गया था। इसका उद्घाटन 1972 में गणतंत्र दिवस के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। इसके अलावा 2006 तक इसे एलपीजी सिलेंडर से जलाकर रखा जाता था और तभ प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिए एक पाइपलाइन डाली गई। दिल्ली का नेशनल वार मेमेरियल इंडिया गेट के पास ही 40 एकड़ में बनाया गया है। इसका उद्घाटन पीएम मोदी के द्वारा फरवरी 2019 में किया गया था, क्योंकि अबतक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर रखा गया था। अब नेशनल वार मेमोरियल के बनने के तहत इसे वहां जलाया जाएगा।  


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