- सिरसा जिला में पराली जलाने के 240 मामले आए सामने
- 208 किसानों पर किया 5.42 लाख का जुर्माना
- 32 मामले हैं पैंडिंग, शीघ्र होगी कार्रवाई
- कृषि उपनिदेशक बाबू लाल ने दी जानकारी
सिरसा। (सुरेन सावंत) सिरसा में पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत की कमी आई है। जिला में इस बार 240 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। इनमें से 208 मामले में 5.42 लाख का जुर्माना किया गया है। 32 मामले अभी पैंडिंग हैं जिनपर शीघ्र कार्रवाई की होगी।
पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा 50 प्रतिशत की कमी
सेटेलाइन से आग लगने की 546 लोकेशन सामने आई थी जिनमें से 240 कंफर्म हुई। इन सभी पर कार्रवाई की जा रही है। पराली जलने से एक्यूआई लेबल बढ़ जाता है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत व आंखों में जलन की समस्या बढ़ जाती है।
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पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा 50 प्रतिशत की कमी
सरकार व प्रशासन के प्रयासों के चलते इस बार पराली जलाने के मामले आधे रह गए हैं। ज्यादातर किसानों ने उपकरणों का इस्तेमाल करने हुए पराली की गांठे बनाई हैं। इन गांठों को पंचायती जमीन पर रखा गया। साथ ही पशुओं के चारे में इस्तेमाल के लिए गऊशाला भेजा गया।
अगर पिछले वर्ष की बात करें तो जिला में पराली जलाने के 495 मामले सामने आए थे जिनमें से 110 किसानों पर केस भी दर्ज किया गया था। 215 किसानों को 6 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा 50 प्रतिशत की कमी
कृषि उपनिदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि सिरसा जिला में अब तक 240 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। इनमें से 232 किसानों को 5.42 लाख रूपये का जुर्माना किया गया है। 32 मामले अभी पैंडिंग हैं जिनपर शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में 1 लाख हैक्टेयर में धान की फसल हुई थी। इसमें से 75 प्रतिशत तक पराली का निस्तारण हो चुका है।