टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक और बुजुर्ग की मौत

By  Arvind Kumar February 9th 2021 10:20 AM -- Updated: February 9th 2021 10:24 AM

बहादुरगढ़। टिकरी बॉर्डर पर किसानों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक और बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग ने पीजीआई रोहतक में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बुजुर्ग को 16 जनवरी को ठंड लगने पर पीजीआई में भर्ती करवाया गया था।

Protesting Farmer Died टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक और बुजुर्ग की मौत

मृतक बिजेंद्र छारा गांव का रहने वाला था और पहले दिन से किसान आंदोलन में आंदोलनकारी किसानों की सेवा कर रहा था। मृतक बिजेन्द्र गांव में अपनी एक एकड़ जमीन पर खेती से गुजारा करता था। आज गांव छारा में किसान मिलकर मृतक किसान को अंतिम विदाई देंगे।

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गौर हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 77वें दिन में प्रवेश हो गया है। किसान लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि अगर सरकार अब भी उनकी मांगों को स्वीकार करती है, तो किसान वापस जाकर पूरी मेहनत से खेती करने के लिए अधिक खुश होंगे। यह सरकार का अड़ियल रवैया है जिसके कारण ये आंदोलन लंबा हो रहा है जो कि आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है।

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वहीं पीएम मोदी के बयान पर किसानों का कहना है कि एमएसपी पर खाली बयानों से किसानों को किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा और अतीत में भी इस तरह के अर्थहीन बयान दिए गए थे। किसानों को वास्तविकता में और समान रूप से टिकाऊ तरीके से तभी लाभ होगा जब सभी फसलों के लिए एमएसपी को ख़रीद समेत कानूनी गारंटी दी जाती है।

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