नई दिल्ली। भारत सरकार तथाकथित कोरोना सहायता योजना के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को 1,000 रुपये की सहायता नहीं देने जा रही है। इसलिए आप किसी झांसे में ना आएं। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने ट्वीट कर कहा है कि यह संदेश वाट्सऐप पर तेजी से फैल रहा है जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने एक योजना डब्ल्यूसीएचओ का शुभारम्भ किया है, जिसके अंतर्गत लोगों को 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति दिए जा रहे हैं। संदेश में क्लिक करने के लिए एक लिंक दिया जाता है और जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
स्पष्ट किया गया है कि दावा और दिया गया लिंक दोनों झूठे हैं। इस पर क्लिक करने के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे फर्जी समाचारों की जांच और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों के क्रम में पीआईबी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अफवाहों पर शिकंजा कसने के लिए एक समर्पित इकाई की स्थापना की है।
‘पीआईबीफैक्टचेक’ ट्विटर पर एक सत्यापित हैंडिल है, जो नियमित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले संदेशों की निगरानी करता है और फर्जी खबरों को रोकने के लिए उसकी सामग्री की व्यापक रूप से समीक्षा करता है। इसके अलावा PIB_India हैंडिल और ट्विटर पर पीआईबी की विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों के हैंडिल व्यापक ट्विटर कम्युनिटी के फायदे के लिए हैशटैग #PIBFactCheck का उपयोग करते हुए ट्विटर पर किसी भी समाचार का आधिकारिक और प्रमाणिक संस्करण डालते रहते हैं।
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