Haryana: अब हरियाणा के मंत्रिमंडल विस्तार को दी गई हाईकोर्ट में चुनौती, एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने याचिका दायर कर लगाए ये आरोप

By  Rahul Rana March 20th 2024 08:38 AM

ब्यूरो: हरियाणा में पिछले हफ्ते पिछले 9 बरस से सीएम की कुर्सी संभाल रहे मनोहर लाल खट्टर को इस्तीफा देना पड़ा और फिर नायब सिंह सैनी नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए। हाईकोर्ट में सैनी की नियुक्ति को चुनौती दी गई। अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सैनी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। 

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जीएस संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की बेंच ने इस मामले में केंद्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग से प्रतिक्रिया मांगी है। आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर के अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ 12 मार्च को मुख्यमंंत्री पद से इस्तीफा दिया था और फिर राज्यपाल ने सैनी को हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला दी। 

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लगाया यह आरोप 
आरोप यह है कि एक तो चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। दूसरा संविधान के 91वें संशोधन का उलंघन कर किया गया। इस संशोधन के तहत विधान सभा के कुल सदस्यों की संख्या में से सिर्फ 15 प्रतिशत को ही मंत्री बनाया जा सकता है। हरियाणा में यह संख्या 13 होनी चाहिए। 
लेकिन सीएम नायब सिंह सैनी के साथ 5 अन्य मंत्रियों ने पद की शपथ ली थी। बीते कल 8 और विधायकों को मंत्री बना दिया गया। इनके अलावा एडवोकेट जनरल के पास भी कैबिनेट रेंक होती है। इस लिहाज से हरियाणा में यह संख्या 15 हो गई है। जोकि संविधान के 91 वें संशोधन का उलंघन है। लिहाजा इस निर्णय को रद्द किए जाने की मांग को लेकर आज हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जा रही है।

हरियाणा हाईकोर्ट में सैनी की नियुक्कि के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ वकील जगमोहन सिंह भट्टी का आरोप है कि सैनी की सरकार का गठन न सिर्फ अवैध है बल्कि लोकतंत्र के साथ खुले तौर पर धोखाधड़ी है। वकील भट्टी ने इस संबंध में कुछ कारण भी गिनवाए हैं।

उनके मुताबिक हरियाणा विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या 90 है। लेकिन नायब सिंह सैनी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने से सदस्यों की कुल संख्या 90 से अधिक हो गई है जो संवैधानिक तौर पर सही नहीं है।

भट्टी का दावा है कि चूंकि मुख्यमंत्री की नियुक्ति अवैध है, इसलिए सैनी के साथ शपथ लेने वाले पांच नए कैबिनेट मंत्रियों – मूल चंद शर्मा, जेपी दलाल, कंवर पाल गुर्जर, बनवारी लाल और रणजीत सिंह चौटाला की भी नियुक्ति को अवैध माना जाना चाहिए।

भट्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के समय सैनी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भी थे जो कानूनन सही नहीं है। भट्टी का तर्क है कि जो हुआ, वह संवैधानिक प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की बातों का उल्लंघन है। 

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