Amarnath Yatra 2023: कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा 2023: हिंदू मान्यता में सबसे कठिन यात्राओं में से एक कही जाने वाली अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है. जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.

By  Shagun Kochhar June 30th 2023 01:18 PM -- Updated: July 1st 2023 11:49 AM

अमरनाथ यात्रा 2023: हिंदू मान्यता में सबसे कठिन यात्राओं में से एक कही जाने वाली अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है. जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. चुनौतियों के बावजूद, हर साल लाखों श्रद्धालु 48 दिनों की इस तीर्थयात्रा पर जाते हैं. 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ये गुफा साल भर बर्फ से ढकी रहती है और गर्मियों में बर्फ पिघलते ही अस्थायी रूप से खुल जाती है. ये गुफा अत्यधिक धार्मिक महत्व रखती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर अपनी पत्नी पार्वती जी को जीवन का रहस्य बताया था.


पहला जत्था रवाना

जम्मू में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार सुबह भगवती नगर बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है. ये जत्था पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हो गया है.


अमरनाथ शिवलिंग की दिलचस्प कहानी

बर्फ से बनी प्राकृतिक संरचना अमरनाथ शिवलिंग की एक दिलचस्प कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि गुफा में लगातार पानी टपकने से शिवलिंग का निर्माण होता है. हर साल, प्राकृतिक बर्फ से बना 10 फुट ऊंचा शिवलिंग बनाया जाता है और इसका आकार चंद्रमा के बढ़ने और घटने के साथ बदलता रहता है. अष्ट पूर्णिमा से रक्षाबंधन के बीच इस चमत्कारी नजारे को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है.


किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज?

पौराणिक कथा के अनुसार, भृगु मुनि अमरनाथ गुफा की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने गुफा को पानी में डूबने से बचाया, जिससे ये तीर्थयात्रा के लिए सुलभ हो गई. ये गुफा भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतीक दो कबूतरों की कहानी से भी जुड़ी है, जो अमर होने के रहस्य पर चर्चा के दौरान गुफा में आए थे.


अमरनाथ यात्रा पर कैसे जाएं?

-अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए

-सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा

-फिर पंजीकरण फॉर्म भरना होगा

-उसके बाद 24 घंटे के अंदर दी गई राशि का भुगतान करना होगा

-वहीं पुष्टि होने पर यात्रा परमिट जारी किया जाएगा


ऑफ़लाइन पंजीकरण

-इसके लिए नामित बैंकों में पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा

-श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को डाक के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज जमा करके समूह पंजीकरण भी संभव है.


इन लोगों को यात्रा न करने की सलाह

सरकार की तरफ से कुछ व्यक्तियों को यात्रा न करने की सलाह दी जाती है, जिनमें 6 सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाएं, 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों वाले लोग शामिल हैं. आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करना और इसे पूरे तीर्थ यात्रा के दौरान पहनना आवश्यक है. अधिक जानकारी और पूछताछ के लिए एक टोल-फ्री नंबर प्रदान किया गया है. अमरनाथ यात्रा 2023 इस पवित्र तीर्थयात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिए एक कठिन लेकिन आध्यात्मिक रूप से पुरस्कृत अनुभव है.

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