पलवल जिला अस्पताल में गरीबों का शोषण, फ्री सेवा के लिए पैसे वसूलने का आरोप

By  Arvind Kumar March 13th 2021 10:22 AM

पलवल। (गुरदत्त गर्ग) हरियाणा सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए बीमारी अथवा आपात स्थिति में मरीजों को हायर सेंटर उपचार के लिए ले जाने पर रैफरल एम्बुलेंस सेवा फ्री की हुई है! लेकिन आरोप है कि पलवल जिला अस्पताल में बीपीएल कार्ड दिखाए जाने और आरएमओ द्वारा पुअर फ्री लिखे जाने के बावजूद भी गरीबों का शोषण करते हुए पैसे वसूले जा रहे हैं। [caption id="attachment_481216" align="aligncenter" width="700"]Palwal District Hospital News पलवल जिला अस्पताल में गरीबों का शोषण, फ्री सेवा के लिए पैसे वसूलने का आरोप[/caption] दरअसल वीरवार को पलवल के निकटवर्ती गांव रायपुर में प्रवीण की 6 वर्षीय लड़की के पैर को कुत्ते द्वारा गंभीर रूप से काट लिये जाने के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। उस वक्त इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे आरएमओ डॉक्टर अक्षय जैन ने मरीज की हालत को देखते हुए और पलवल जिला अस्पताल में कुत्ते काटने का इंजेक्शन नहीं होने के कारण हायर सेंटर के लिए रेफर किया था। कुत्ते द्वारा पैर में गहराई तक काटे जाने वाली घायल लड़की के पिता ने बताया था कि वह गरीब है और उनके पास दिल्ली ले जाने लायक पैसे नहीं है। इस पर हॉस्पिटल के आरएमओ डॉ अक्षय जैन ने मरीज के रजिस्ट्रेशन कार्ड पर फ्री लिखकर फ्री एंबुलेंस का हवाला देकर दिल्ली के लिए रेफर किया था। [caption id="attachment_481217" align="aligncenter" width="700"]Palwal District Hospital News पलवल जिला अस्पताल में गरीबों का शोषण, फ्री सेवा के लिए पैसे वसूलने का आरोप[/caption] बीपीएल कार्ड धारी प्रवीण ने बताया कि फ्री एंबुलेंस के लिए रेफरल सेवा केंद्र पर जाकर अपनी बेटी के इलाज के लिए एंबुलेंस की मांग की तो उसे कहा गया कि एसएमएल के अलावा किसी अन्य का लिखा हुआ मरीज फ्री में नहीं ले जाया जा सकता है और यदि आपको अपने मरीज को उपचार के लिए दिल्ली ले जाना है तो उसके लिए आपको पैसे देने पड़ेंगे। मरीज के पिता ने यह बात जब दोबारा जाकर आरएमओ डॉ. अक्षय जैन को बताई तो अक्षय जैन ने एंबुलेंस चालक को बुलाकर कहा कि वे भी जरूरतमंद मरीज को फ्री भेजने का अधिकार रखते हैं लेकिन तब भी एम्बुलेंस चालक श्यामबीर घायल लड़की को फ्री में ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ और उसने पीड़ित परिवार से पैसे जमा कराने के लिए कहा और उनसे ₹1050 जमा करा लिए। आरोप है कि जमा कराए पैसे की कोई रसीद भी नहीं दी गई। यह भी पढ़ें- हरियाणा में किसान मित्र योजना होगी शुरू, बजट में फलों के बागों पर सब्सिडी बढ़ाई गई यह भी पढ़ें- बजट में सीएम खट्टर की घोषणा- हरियाणा में स्थापित होंगे 1000 ‘हेल्थ वेलनेस सेंटर’ मरीज के परिजनों को कहा गया कि यदि आपका बीपीएल कार्ड वेरीफाई हो जाएगा तब आपको यह पैसे वापस मिल जाएंगे। लेकिन दूसरे दिन जब शुक्रवार को मरीज के परिजनों ने अस्पताल जाकर उनसे जमा कराए ₹1050 वापस मांगे तो उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया और उनसे कहा कि आपका बीपीएल कार्ड हमारे कंप्यूटर सिस्टम में वेरीफाई नहीं हो रहा है। जबकि पीड़ित परिवार के पास बीपीएल कार्ड वीरवार को उपचार के लिए अस्पताल में लाए जाने के समय भी मौजूद था और शुक्रवार को जब अपने जमा किए गए पैसे वापस लेने आये तब भी मौजूद था। जिला अस्पताल में मौजूद समाजसेवियों के अनुरोध पर पीड़ित परिवार के सदस्य पहले एसएमओ डॉ. अजय माम से मिले और फिर जाकर सीएमओ डॉ ब्रह्मदीप सिंह से भी मिले लेकिन उसके बाद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। जब इस बारे सीएमओ से बात करनी चाही तो उन्होंने एक दूसरे पर डालते हुए रेफरल सेवा के इंचार्ज डॉक्टर नवीन के पास भेजा लेकिन नवीन ने भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मेरे पास इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। बहरहाल देखना होगा कि कब तक यह मामला अधिकारियों के संज्ञान में आता है और इस मामले में सच्चाई का खुलासा होता है।

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