इंदिरा गांधी की हत्या ना होती तो ना होते 1984 के दंगे...और ना जाती इतने लोगों की जान: बिट्टा
करनाल/जोगिंद्र सिंह: बीते दिन हरियाणा के करनाल से 4 आतंकियों के पकड़े जाने के बाद एन्टी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा करनाल पहुंचे। बिट्टा ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खालिस्तान का समर्थन करने वालों को फटकार लगाई। बिट्टा ने कहा कि पाकिस्तान, विदेशी एजेंसी और विदेश में बैठा खालिस्तानी आतंकी पन्नू यहां का माहौल खराब करना चाहते हैं। यहां हिंदू और सिख हमेशा से साथ रहते आ रहे हैं और हमेशा से ही साथ रहते आएंगे। वहीं, बिट्टा ने शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी और जथेदार अकाल तख्त साहब को आगे आने की अपील करते हुए कहा कि आपको आगे आकर बोलना होगा, आखिर पंजाब में खालिस्तान के नारे लगाए जाते हैं। जब भी खालिस्तान के नारे लगें हमें उनका विरोध करना चाहिए। बिट्टा ने कहा कि खालिस्तान ना बना है ना बनने देंगे । वहीं पटियाला मंदिर की घटना पर बिट्टा ने कहा कि, पंजाब सेंसटिव स्टेट है, चंद लोग और बाहर की एजेंसियां इसका फायदा उठा रही हैं। पंजाब में हिन्दू सिख भाईचारा साथ है और हमेशा साथ रहेगा। बिट्टा ने कहा कि 1984 के दंगों में कांग्रेस भी शामिल थी। इन दंगों में हजारों लोग मारे गए। बिट्टा ने जरनैल सिंह भिंडरावाले को सन्त कहने पर कहा कि, गुरु ग्रन्थ साहिब जी से ऊपर कोई नही है यह गलत है। हम गुरु ग्रन्थ साहिब जी को मानते है, बिट्टा ने आगे कहा, की अगर इंदिरा गांधी को ना मारा गया होता तो तो 1984 दंगे नही होते और इतने बेक़सूर नहीं मरते। कुछ लोग कहते हैं बेअंत सिंह के हत्यारे को छोड़ दो, जब बड़े आगु ही उन्हें छोड़ने के लिए कहते हैं तो मैं मैं अकेला क्या करूं।