अटारी सीमा से अपने देश पाकिस्तान लौटा नन्हा 'बॉर्डर', जाते समय पिता बोले जय श्री राम
अमृतसर: अटारी बॉर्डर पर जन्म लेने वाला बच्चा बॉर्डर आखिरकार सरहद पार कर पाकिस्तान अपने वतन वापिस चला गया। लॉकडाउन से पहले बॉर्डर के माता नींबू बाई और पिता बालक राम भारत आए थे। यहीं पर उसकी ने बॉर्डर को जन्म दिया था। माता पिता ने बॉर्डर पर जन्म लेने के कारण बच्चे का नाम वॉर्डर रखा था।
[caption id="attachment_557130" align="alignnone" width="300"] वतन वापस लौटता बॉर्डर का परिवार[/caption]
बच्चे के जन्म के बाद नींबू बाई और बालक राम को वतन वापसी में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट और पासपोर्ट न होने की वजह से वह पाकिस्तान नहीं जा पा रहे थे, लेकिन पासपोर्ट और तत्काल में वीजा बनने के बाद आखिरकार परिवार पाकिस्तान चले गया।
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अटारी सीमा से वापस पाकिस्तान लौटता बॉर्डर का परिवार[/caption]
इस परिवार की मदद के लिए समाज सेवी संस्थाएं आगे आयी और उस बच्चे का पासपोर्ट और तत्काल में वीजा लगा और आज अटारी वाघा सरहद से उसके मां-बाप बॉर्डर के साथ अपने वतन पाकिस्तान लौट गए। मां नीबू बाई और पिता बालम राम ने कहा कि उन्हें हमेशा याद रहेगा कि उन्होंने एक बच्चे को भारत मे जन्म दिया था और आज वह उसी याद को साथ लेकर वापस जा रहे हैं।
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अटारी सीमा से वापस लौटता परिवार[/caption]
बता दें कि 99 पाकिस्तानी हिंदू यात्रियों के साथ आए बालम राम की पत्नी नींबो बाई ने 2 दिसंबर को अटारी सीमा के समीप ही बच्चे को जन्म दिया था। बच्चा दो देशों को विभाजित करती सीमा रेखा से कुछ दूरी पर जन्मा था, इसलिए इसका नाम बार्डर राम रख दिया गया। 7 दिसंबर को जब बार्डर सहित सभी 99 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा से पाकिस्तान सीमा में पहुंचे तो पाक रेंजर्स ने बार्डर का दस्तावेज मांगे। रेंजर्स ने कहा कि यह बच्चा आपका है, इसका कोई प्रमाण दें। दस्तावेज न होने की वजह से नींबो बाई, बालम राम को बार्डर सहित शेष बच्चों के साथ पुन भारत लौटना पड़ा था।