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सीडीएस विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्यों हुआ क्रैश! ब्लैक बॉक्स की जांच होगा खुलासा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- December 09th 2021 11:54 AM
सीडीएस विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्यों हुआ क्रैश! ब्लैक बॉक्स की जांच होगा खुलासा

सीडीएस विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्यों हुआ क्रैश! ब्लैक बॉक्स की जांच होगा खुलासा

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के कन्नूर में जो हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 सैनिकों का निधन हो गया था। इस हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद अब इस पूरी घटना का खुलासा हो सकेगा। घटना के बाद से ही ब्लैक बॉक्स की खोज जारी थी। सूत्रों ने कहा कि Mi-17V5 हेलिकॉप्टर का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर साइट से बरामद किया गया है। रक्षा विशेषज्ञ शैलेंद्र सिंह ने कहा कि जांच के लिहाज से ब्लैक बॉक्स, महत्वपूर्ण है। जांच के दौरान यह पता चलेगा कि आखिर पैरामीटर क्या थे। पायलट ने आखिरी बार क्या कहा था। इमरजेंसी लगाने की कोशिश की थी। क्या वह लग पाई या नहीं। [caption id="attachment_556634" align="alignnone" width="300"]CDS bipin rawat Mi 17 helicopter   black box   helicopter crash, सीडीएस विपिन रावत, पाकिस्तानी गोलीबारी, विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश, हेलिकॉप्टर क्रैश विपिन रावत का क्रैश हेलिकॉप्टर[/caption] ब्लैक बॉक्स से अब यह पता लग सकता है कि हेलीकॉप्टर किन कारणों से क्रैश हुआ। इसके अलावा चॉपर के हिस्सों की फॉरेंसिक जांच से भी यह पता लग सकता है कि कहीं किसी बाहरी कारण की वजह से तो यह हादसा नहीं हुआ।इस बीच, 6 सदस्यों वाली एक स्पेशल मेडिकल टीम कुन्नूर हवाई हादसे में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के इलाज में जुटी हुई है। उनकी हालत गंभीर है और वेलिंगटन आर्मी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शरीर 60 प्रतिशत जल चुका है। [caption id="attachment_556635" align="alignnone" width="300"]CDS bipin rawat Mi 17 helicopter   black box   helicopter crash, सीडीएस विपिन रावत, पाकिस्तानी गोलीबारी, विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश, हेलिकॉप्टर क्रैश ब्लैक बॉक्स को ले जाते वायु सेना के धधिकारी[/caption] क्या होता है ब्लैक बॉक्स ‘ब्लैक बॉक्स' हर किसी प्लेन का सबसे जरूरी हिस्सा होता है। ब्लैक बॉक्स सभी प्लेन में रहता है चाहें वह पैसेंजर प्लेन हो, कार्गो या फाइटर। यह वायुयान में उड़ान के दौरान विमान से जुडी सभी तरह की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने वाला उपकरण होता है। इसे या फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर भी कहा जाता है। आम तौर पर इस बॉक्स को सुरक्षा की दृष्टि से विमान के पिछले हिस्से में रखा जाता है। ब्लैक बॉक्स बहुत ही मजबूत मानी जाने वाली धातु टाइटेनियम का बना होता है और टाइटेनियम के ही बने डिब्बे में बंद होता है ताकि ऊंचाई से जमीन पर गिरने या समुद्री पानी में गिरने की स्थिति में भी इसको कम से कम नुकसान हो। कैसे करता है काम ‘ब्लैक बॉक्स’ में दो अलग-अलग तरह के बॉक्स होते हैं। फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर: इसमें विमान की दिशा, ऊंचाई (altitude) , ईंधन, गति (speed), हलचल (turbulence), कैबिन का तापमान इत्यादि सहित 88 प्रकार के आंकड़ों के बारे में 25 घंटों से अधिक की रिकार्डेड जानकारी एकत्रित रखता है। यह बॉक्स 11000°C के तापमान को एक घंटे तक सहन कर सकता है, जबकि 260°C के तापमान को 10 घंटे तक सहन करने की क्षमता रखता है। इस दोनों बक्सों का रंग काला नही बल्कि लाल या गुलाबी होता है जिससे कि इसको खोजने में आसानी हो सके। [caption id="attachment_556636" align="alignnone" width="300"]CDS bipin rawat Mi 17 helicopter   black box   helicopter crash, सीडीएस विपिन रावत, पाकिस्तानी गोलीबारी, विपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश, हेलिकॉप्टर क्रैश ब्लैक बॉक्स (फाइल फोटो)[/caption] कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर: यह बॉक्स विमान में अंतिम 2 घंटों के दौरान विमान की आवाज को रिकॉर्ड करता है। यह इंजन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज, केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज को रिकॉर्ड करता है, ताकि यह पता चल सके कि हादसे के पहले विमान का माहौल किस तरह का था। कैसे करता है काम ब्लैक बॉक्स बिना बिजली के भी 30 दिन तक काम करता रहता है। जब यह बॉक्स किसी जगह पर गिरता है तो प्रत्येक सेकेण्ड एक बीप की आवाज/तरंग लगातार 30 दिनों तक निकालता रहता है। इस आवाज की उपस्थिति को खोजी दल द्वारा 2 से 3 किमी। की दूरी से ही पहचान लिया जाता है। इसके एक और मजेदार बात यह है कि यह 14000 फीट गहरे समुद्री पानी के अन्दर से भी संकेतक भेजता रहता है।


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