Sat, May 11, 2024
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रिलीज किया गया CDS बिपिन रावत का आखिरी संदेश, जानिए क्या कहा

Written by  Vinod Kumar -- December 12th 2021 05:43 PM -- Updated: December 12th 2021 05:54 PM
रिलीज किया गया CDS बिपिन रावत का आखिरी संदेश, जानिए क्या कहा

रिलीज किया गया CDS बिपिन रावत का आखिरी संदेश, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली: वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की शानदार जीत के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली में विजय पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान एक प्रदर्शनी के जरिए पूर्वी पाकिस्तान से लेकर पश्चिमी क्षेत्र तक भारतीय सेना के शूरवीरों की कहानियां और सेना का साजो सामान दिखाया जाएगा। इसका शुभारंभ रविवार 12 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। इस मौके पर भारतीय सेना ने तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat), का आखिरी सार्वजनिक संदेश रिलीज किया है। रविवार को जारी 1.09 मिनट के इस वीडियो में जनरल रावत ने 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर सशस्त्र बलों के कर्मियों को बधाई दे रहे हैं। इस वीडियो को विजय पर्व के लिए 7 दिसंबर की शाम को रिकॉर्ड किया गया था। अगले ही दिन यानी 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में उनकी पत्नी समेत अन्य 11 जवानों का निधन हो गया। सीडीएस का यह वीडियो इंडिया गेट परिसर में 'विजय पर्व' समारोह के उद्घाटन समारोह में भी चलाया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। हादसे में अपनी जान गंवा देने वाले सीडीएस के इस वीडियो मैसेज को देख समारोह में मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं। इस वीडियो क्लिप में जनरल रावत ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और देशवासियों से युद्ध में विजय की 50वीं वर्षगांठ मनाने की अपील की। वीडियो में जनरल रावत ने कहा - "मैं स्वर्णिम विजय पर्व के अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों के सभी वीर सैनिकों को हार्दिक बधाई देता हूं। हम 1971 के युद्ध में जीत की 50वीं वर्षगांठ को विजय पर्व के रूप में मना रहे हैं। मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”" जनरल रावत ने अपने संदेश के अंत में कहा- "अपनी सेनाओं पर है हमें गर्व, आओ मिलकर मनाएं विजय पर्व।" आपको बता दें कि 16 दिसंबर 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के संयुक्त बलों और 'मुक्ति वाहिनी' के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ था।


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