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दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर दागे 15 सवाल

Written by  Arvind Kumar -- September 20th 2020 09:14 AM
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर दागे 15 सवाल

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर दागे 15 सवाल

चंडीगढ़। CWC सदस्य और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने नए कृषि कानूनों पर 15 सवालों की फेहरिस्त जारी करके खट्टर-दुष्यंत सरकार से जवाब मांगा है। सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि तीन नए कानून लागू होने से हरियाणा के किसानों को बहुत फायदा होने वाला है। अब यहां के किसान दूसरे राज्यों में अपनी फसल बेच कर मुनाफा कमाएंगे। साथ ही सरकार दावा कर रही है कि प्राइवेट एजेंसी अब किसानों को MSP से भी ज्यादा रेट देंगी। दीपेंद्र ने पूछा कि अगर ऐसा है तो सरकार बताए- 1. अगर सरकार की MSP को लेकर नीयत साफ है तो वो मंडियों के बाहर होने वाली ख़रीद पर किसानों को MSP की गारंटी दिलवाने से क्यों इंकार कर रही है? 2. MSP से कम ख़रीद पर प्रतिबंद लगाकर, किसान को कम रेट देने वाली प्राइवेट एजेंसी पर क़ानूनी कार्रवाई की मांग को सरकार खारिज क्यों कर रही है? Deepender Singh Hooda asks 15 questions from BJP-JJP government 3. कोरोना काल काल के बीच इन तीन क़ानूनों को लागू करने की मांग कहां से आई? ये मांग किसने की? किसानों ने या औद्योगिक घरानों ने? यह भी पढ़ेंकृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- अध्यादेशों पर विपक्षी दल बेवजह कर रहे राजनीति यह भी पढ़ें: हरसिमरत के इस्तीफे के बाद दुष्यंत पर भी बढ़ा दबाव 4. देश-प्रदेश का किसान मांग कर रहा था कि सरकार अपने वादे के मुताबिक स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत MSP दे, लेकिन सरकार ठीक उसके उल्ट बिना MSP प्रावधान के क़ानून लाई है। आख़िर इसके लिए किसने मांग की थी? 4. प्राइवेट एजेंसियों को अब किसने रोका है किसान को फसल के ऊंचे रेट देने से? फिलहाल प्राइवेट एजेंसीज मंडियों में MSP से नीचे पिट रही धान, कपास, मक्का, बाजरा और दूसरी फसलों को MSP या MSP से ज़्यादा रेट क्यों नहीं दे रहीं? 4. उस स्टेट का नाम बताइए जहां पर हरियाणा-पंजाब का किसान अपनी धान, गेहूं, चावल, गन्ना, कपास, सरसों, बाजरा बेचने जाएगा, जहां उसे हरियाणा-पंजाब से भी ज्यादा रेट मिल जाएगा? 5. जमाखोरी पर प्रतिबंध हटाने का फ़ायदा किसको होगा- किसान को, उपभोक्ता को या जमाखोर को? 6. सरकार नए क़ानूनों के ज़रिए बिचौलियों को हटाने का दावा कर रही है, लेकिन किसान की फसल ख़रीद करने या उससे कॉन्ट्रेक्ट करने वाली प्राइवेट एजेंसी, अडानी या अंबानी को सरकार किस श्रेणी में रखती है- उत्पादक, उपभोक्ता या बिचौलिया? Deepender Singh Hooda asks 15 questions from BJP-JJP government 7. जो व्यवस्था अब पूरे देश में लागू हो रही है, लगभग ऐसी व्यवस्था तो बिहार में 2006 से लागू है। तो बिहार के किसान इतना क्यों पिछड़ गए? 8. बिहार या दूसरे राज्यों से हरियाणा में BJP-JJP सरकार के दौरान धान जैसा घोटाला करने के लिए सस्ते चावल मंगवाए जाते हैं। तो सरकार या कोई प्राइवेट एजेंसी हमारे किसानों को दूसरे राज्यों के मुकाबले मंहगा रेट कैसे देगी? 9. टैक्स के रूप में अगर मंडी की इनकम बंद हो जाएगी तो मंडियां कितने दिन तक चल पाएंगी? 10. क्या रेलवे, टेलीकॉम, बैंक, एयरलाइन, रोडवेज, बिजली महकमे की तरह घाटे में बोलकर मंडियों को भी निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा? Deepender Singh Hooda asks 15 questions from BJP-JJP government 11. अगर ओपन मार्केट किसानों के लिए फायदेमंद है तो फिर "मेरी फसल मेरा ब्योरा" के ज़रिए क्लोज मार्केट करके दूसरे राज्यों की फसलों के लिए प्रदेश को पूरी तरह बंद करने का ड्रामा क्यों किया? 12. अगर हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 3 नए कानून लागू कर दिए हैं तो फिर मुख्यमंत्री खट्टर किस आधार पर कह रहे हैं कि वह दूसरे राज्यों से हरियाणा में मक्का और बाजरा नहीं आने देंगे? 13. अगर सरकार सरकारी ख़रीद को बनाए रखने का दावा कर रही है तो उसने इस साल सरकारी एजेंसी FCI की ख़रीद का बजट क्यों कम दिया? वो ये आश्वासन क्यों नहीं दे रही कि भविष्य में ये बजट और कम नहीं किया जाएगा? 14. जिस तरह से सरकार सरकारी ख़रीद से हाथ खींच रही है, क्या इससे भविष्य में ग़रीबों के लिए जारी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में भी कटौती होगी? 15. क्या राशन डिपो के माध्यम से जारी पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम, ख़रीद प्रक्रिया के निजीकरण के बाद अडानी-अंबानी के स्टोर के माध्यम से प्राइवेट डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम बनने जा रहा है? राज्यसभा सांसद दीपेंद्र ने 15 सवालों की सूची जारी करते हुए BJP-JJP सरकार से जवाब मांगा है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि सरकार आरोप लगाती है कि किसान इन क़ानूनों को सही से समझ नहीं पाए और कांग्रेस उन्हें बरगला रही है तो क्या अकाली दल भी इन्हें नहीं समझ पाया? उनका कहना है कि अगर सरकार के पास इन सवालों का जवाब नहीं है तो किसानों को बरगलाना, किसान आंदोलन को बदनाम करना और उसे कुचलने की साजिश करना छोड़ दे। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस खुले तौर पर किसानों के साथ खड़े लेकिन किसानों की राजनीति करने का दावा करने वाली जेजेपी कुर्सी के लालच में किसानों के विरोध में खड़ी है। जेजेपी संस्थापकों की तरफ से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगाए गए सरकार को पलटने के हिडन एजेंटा वाले आरोपों का भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारा कोई हिडन एजेंडा नहीं है। किसानों का भला करना और उनके संघर्ष में साथ देना ही हमारा ओपन एजेंडा है। हम जेजेपी की तरह बीजेपी की सरकार बनाने का हिडन एजेंडा लेकर जनता के बीच में नहीं जाते। पूरा हरियाणा जानता है कि जेजेपी विधानसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने के अपने हिडन एजेंडा में लग गई थी। इसलिए जेजेपी नेताओं ने बीजेपी विरोधी वोटों को बांटने के लिए पहले तो खट्टर सरकार के विरोध का ड्रामा किया और बाद में उसी सरकार की गोदी में जाकर बैठ गए। ---PTC NEWS---


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