हरियाणा में दिनों दिन बढ़ रही आवारा पशुओं की समस्या, सरकार ने सदन में दिया ये जवाब
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए गौशालाओं का निर्माण करने के साथ-साथ सामाजिक संस्थानों का सहयोग भी ले रही है। जो पंचायतें गौ-गृह तथा पशु फाटकों को लगाने के लिए प्रस्ताव भेजी हैं, उनको वित्तीय सहायता भी विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। महेन्द्रगढ़ जिले में कुल 11 गौशालाएं/पशु फाटक बनाए गये हैं। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का प्रभार भी है, ने हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल के पूछे गये एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में सदन को दी। [caption id="attachment_391298" align="aligncenter" width="696"] हरियाणा में दिनों दिन बढ़ रही आवारा पशुओं की समस्या, सरकार ने सदन में दिया ये जवाब[/caption] दुष्यंत चौटाला ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि प्रदेश में चयनित 30 स्थलों पर हर माह पशु मेलों का आयोजन भी किया जाता है। सालभर में 300 से अधिक पशु मेले लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सदन में उपस्थित सभी विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या के समाधान का संकल्प लें और सामाजिक तौर पर लोगों को आगे ले आएं। यह भी पढ़ें: बजट सत्र का दूसरा दिन, किरण चौधरी ने सरकार पर दागे सवाल उप मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि जींद जिले में हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम द्वारा 27 एमएसएमई उद्योगों के लिए तथा 8 मध्यम उद्योगों के लिए प्लाट आबंटित किए गये हैं। नरवाना के अन्दर भी औद्योगिक प्लाट आबंटित किए गये हैं। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि उपमण्डल भवन के निर्माण के लिए नियमों के अनुसार न्यूनतम 4 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि बादली उपमण्डल भवन का निर्माण तीन महीने के अन्दर-अन्दर आरम्भ कर लिया जाएगा। ---PTC NEWS---