झज्जर: पारंपरिक खेती के अलावा फ्रूट-वेजिटेबल खेती की ओर भी बढ़ा किसानों का रुझान, सरकार दे रही सब्सिडी
हरियाणा के किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा फ्रूट और वेजिटेबल खेती में भी रूचि दिखा रहे हैं। झज्जर में किसानों रुझान इस ओर देखने को मिल रहा है। सरकार भी इसके लिए अच्छी खासी सब्सिडी दे रही है। झज्जर जिले में 2415 हेक्टेयर में किसान फ्रूट की खेती कर रहे हैं। जिसमें अमरूद, बेर, तरबूज, खरबूजा जैसे फलों की खूब खेती गो रही है।
किसानों ने झज्जर के कुछ इलाकों में खुजूर और आंवले की खेती की शुरुआत भी की है। हालांकि इस बार 47 हेक्टेयर भूमि पर जलभराव या अन्य कारणों से फ्रूट की खेती को नुकसान पहुंचा है। मार्च के आंकड़ों के मुताबिक झज्जर जिले में 8814 हेक्टेयर पर सब्जियों की खेती हो रही है। किसान पालक, घीया, तोरी, प्याज, गाजर, टमाटर, खीरा, पेठा करेला, भिंडी, फूल, गोभी, आलू मटर, जैसी सब्जियां उगा रहे हैं।
झज्जर जिले के कृषि अधिकारियों का कहना है कि बेल वाली सब्जियां किसान ज्यादा उगा रहे हैं और क्लाइमेट भी इन्हीं सब्जियों के लिए झज्जर में सबसे उपयुक्त है। जिले के किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहन करने के लिए मुनीमपुर गांव में जल्द ही सेंटर फॉर फ्लावर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जाएगा।
अगर सब्सिडी की बात की जाए तो सरकार वेजिटेबल की खेती करने वाले किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी भी मुहैया करा रही है, जिसमें कि वेजिटेबल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 8000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को 40% से 90% तक सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है।
जिले में पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों के लिए अलग से सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। वहीं, अगर किसानों ने अगर प्लास्टिक टनल विधि से वेजिटेबल की खेती कर रखी है तो उन्हें 7000 प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी जा रही है।
बैंबू स्टिक से खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ पर 31,250 रुपये की सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। वहीं, जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि सरकार जल्द ही झज्जर जिले के मुनीमपुर गांव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्लावर बनाया जा रहा है। जिससे कि झज्जर जिले के किसानों को प्रोत्साहित और जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा पॉलीहाउस नेट हाउस और बागवानी के लिए भी डिपार्टमेंट अच्छी खासी सब्सिडी मुहैया करवा रहा है। जिससे कि किसान को काफी फायदा होता है। अगर किसान इंटरेस्ट दिखाते हैं तो उन्हें भविष्य में अच्छा खासा फायदा भी होगा।
अधिकारियों के मुताबिक अगर किसान पारंपरिक खेती की बजाए इन चीजों की खेती की तरफ रुझान करें तो किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं और इस तरह की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं।