रोजगार देने की बजाय छंटनी करने में लगी सरकार: सांसद दीपेंद्र
सोनीपत। हरियाणा के एक तिहाई पढ़े लिखे नौजवान बेरोजगारी के थपेड़े झेल रहे हैं। लेकिन सत्ता में बैठे हुए लोग लगातार उनके भविष्य से खेल रहे हैं। सरकार रोजगार देने की बजाय, रोजगार छीनने में लगी है। सरकारी भर्तियां पूरी करने की बजाय, उन्हें लटकाया जा रहा है। यह कहना है CWC सदस्य और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। दीपेंद्र सिंह हुड्डा बरोदा हलके के आंवली और सिरसाढ़ गांव में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। गांव में उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की, जहां पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने (CMIE) सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश की BJP-JJP सरकार को आईना दिखाया। राज्यसभा सांसद ने बताया कि आज प्रदेश 33.5 प्रतिशत बेरोजगारी झेल रहा है यानी हर तीन में से एक व्यक्ति बेरोजगार है। देश का कोई दूसरा राज्य बेरोजगारी दर में हरियाणा के आसपास भी नहीं है। इस महीने भी बेरोजगारी में हरियाणा पूरे देश में नंबर वन है। इतना ही नहीं सरकारी आंकड़े खुद बता रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था गर्त में पहुंच चुकी है। इस तिमाही की GDP ग्रोथ रेट माइनस 24 है। इसका मतलब ये है कि उद्योगधंधे, कामधंधे, कारोबार और रोजगार खत्म हो चुके हैं। हर तबके को घाटा झेलना पड़ रहा है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि रोजगार और कामधंधे ठप होने की वजह से प्रदेश का युवा अपराध की तरफ बढ़ता जा रहा है। इस सरकार ने बेरोजगारी की तरह अपराध के मामलों में भी हरियाणा को देश में टॉप पर पहुंचा दिया है। बावजूद इसके सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाने के बजाय लगातार कर्मचारियों की छटनी करने में लगी है। HSSC की नई भर्तियां निकालने की बजाय, पहले से जारी भर्ती प्रक्रिया को लटकाया जा रहा है। कई-कई साल से भर्तियां पेंडिंग पड़ी हैं। सरकार की तरफ से या तो भर्ती निकाली नहीं जाती, भर्ती निकलती है तो पेपर नहीं होता, पेपर होता है तो लीक हो जाता है, उसके बाद भर्ती के नतीजे नहीं निकाले जाते, नतीजे आते हैं तो जॉइनिंग नहीं दी जाती। स्पष्ट है कि भर्ती के नाम पर लगातार युवाओं की मानसिक प्रताड़ना हो रही है। यही वजह है कि पिछले कई दिनों से देश और प्रदेश का युवा इंटरनेट पर इस सरकार को जगाने के लिए मुहिम चला रहा है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि युवाओं की इस मुहिम को वह आगे बढ़ाने का काम करेंगे। सड़क से लेकर संसद तक उनकी आवाज को उठाया जाएगा। सरकारी भर्ती संस्था के सताये हुए और नौकरी से निकाले गए लोग रोज उनसे मिलने आते हैं। सभी की मांग है कि इस जनविरोधी गठबंधन सरकार को बरोदा उपचुनाव में सबक सिखाया जाए। बरोदा की जनता भी ठान चुकी है कि प्रदेश के युवाओं से रोजगार, किसानों से फसल के दाम, छोटे कारोबारियों से उनका काम और गरीब मजदूर से उसका सम्मान छीनने वाली सरकार को हार का मजा चखाएगी। बरोदा से इस सरकार को उखाड़ फेंकने की शुरुआत हो जाएगी। ---PTC NEWS---