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मार्क्स भविष्य तय नहीं करते...औसत होना ठीक, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी वायरल

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- December 10th 2021 12:45 PM
मार्क्स भविष्य तय नहीं करते...औसत होना ठीक, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी वायरल

मार्क्स भविष्य तय नहीं करते...औसत होना ठीक, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी वायरल

नेशनल डेस्क: कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदा बचकर निकले ग्रुप कैप्टन वरुण अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। क्रैश में भयंकर तरीके से जलने के बाद बेंगलुरु के एक अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इस क्रैश में बचने वाले वो अकेले शख्स हैं। इस हादसे ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 सैन्य अधिकारियों की जान चली गई। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को अभी इसी साल अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। एक उड़ान के दौरान उनके तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी, जिसका उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए हिम्मत से सामना किया था। [caption id="attachment_557027" align="alignnone" width="300"]group captain varun singh letter viral, ग्रुप कैप्टन वरुण, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी, कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी[/caption] सेना का ये सम्मान पाने के बाद सितंबर में उन्होंने हरियाणा के चंडीमंदिर कैंटोन्मेंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। इसी स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की थी। उनकी ये चिट्ठी अब खूब वायरल हो रही है। उन्होंने लिखा था कि वो ये चिट्ठी 'अपनी शेखी बघारने या अपनी ही पीठ थपथपाने के लिए' नहीं लिख रहे हैं, बल्कि इस आशा के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा कर रहे हैं कि 'जो बच्चे इस तेज प्रतिद्वंद्विता वाली दुनिया में खुद को औसत महसूस करते हैं, उन्हें इससे कुछ प्रेरणा मिले। ग्रुप कैप्टन वरुण अपनी चिट्ठी में लिखते हैं औसत दर्जे का होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी जिंदगी में आने वाली चीजें भी औसत ही होंगी। अपनी जिंदगी की पुकार सुनिए। जो भी आप कर रहे हैं, उसमें पूरी जान लगा दीजिए। कभी हिम्मत मत हारिए। [caption id="attachment_557028" align="alignnone" width="300"]group captain varun singh letter viral, ग्रुप कैप्टन वरुण, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी, कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर[/caption] चार पन्नों की इस चिट्ठी में ग्रुप कैप्टन ने नेशनल डिफेंस एकेडमी में बिताए अपने वक्त और अपनी जिंदगी के बारे में बताया है। वो कहते हैं कि मैं बहुत ही औसत दर्जे का छात्र था, जो बड़ी मुश्किल से 12वीं कक्षा में फर्स्ट डिवीजन ला सकता था। मैं स्पोर्ट्स और दूसरी गतिविधियों में भी उतना ही एवरेज था, लेकिन एयरप्लेन और एविएशन को लेकर मेरे अंदर एक जुनून था। मैं हमेशा सोचता था कि मैं हमेशा औसत ही रहूंगा और ज्यादा बेहतर करने की कोशिश करने का कोई फायदा नहीं है, लेकिन एक फाइटर स्क्वाड्रन में एक युवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर मेरी कमीशनिंग होने के बाद मुझे यह समझ आया कि अगर मैं किसी चीज में दिलो-दिमाग से लग जाऊं तो बेहतर कर सकता हूं। 'यह वही वक्त था, जब पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में मेरे लिए चीजें बदलने लगीं। मैंने हर टास्क में अपनी पूरी क्षमता लगाने का संकल्प लिया। [caption id="attachment_557029" align="alignnone" width="300"]group captain varun singh letter viral, ग्रुप कैप्टन वरुण, ग्रुप कैप्टन वरुण की चिट्ठी, कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर[/caption] उन्होंने चुनौतीपूर्ण फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर्स कोर्स में दो ट्रॉफी जीतीं, कठिन एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट कोर्स में उनका चयन हुआ और आखिरकार उन्हें तेजस फाइटर स्क्वाड्रन में जगह मिली, इसके बावजूद कि वो वरिष्ठता की सीमा को पार कर चुके थे। यहां तक कि वरुण सिंह इसरो (ISRO) के ऐतिहासिक गगनयान कार्यक्रम में शामिल होने वाले 12 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में भी शामिल थे, लेकिन एक मेडिकल कंडीशन के चलते वो इसका हिस्सा नहीं बन सके। अपनी इस चिट्ठी में ग्रुप कैप्टन सिंह ने खुद में विश्वास रखने पर जोर दिया है। उन्होंने लिखा था, 'ये कभी मत सोचना कि कक्षा 12वीं के मार्क्स ये तय करते हैं कि तुम जिंदगी में क्या हासिल करोगे। खुद में हमेशा भरोसा रखना और उद्देश्य पाने के लिए मेहनत करते जाना।


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