1 जनवरी से नहीं लागू होगी कपड़ों पर जीएसटी की बढ़ी हुई दर, आम आदमी को होगा फायदा
GST Council 46th Meeting: दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 46वीं बैठक (GST Council 46th Meeting) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) की अध्यक्षता में खत्म हो गई है। बैठक में कई राज्यों के विरोध के बाद सस्ते कपड़ों पर जीएसटी दरें 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने पर सहमति नहीं बनी है। इस फैसले के बाद आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी। नए साल में रेडीमेड गारमेंट्स अब महंगे नहीं होंगे। जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स पर सभी फैसले जीएसटी काउंसिल लेती है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती है। साथ ही, राज्यों के वित्त मंत्री भी इसमें शामिल होते है। बैठक में तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने कहा टेक्सटाइल पर जीएसटी दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को इस समय लागू करना सही नहीं है। क्योंकि कोरोना महामारी अभी भी जारी है। टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री अभी भी संकट से बाहर नहीं आई है।
हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह का कहना है कि टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ने के फैसले को स्थगित किया गया है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक फरवरी 2022 में होगी।जीएसटी काउंसिल की 46वीं बैठक में शामिल हुए कई राज्यों के वित्त मंत्री कपड़े और फुटवियर की इंडस्ट्री जीएसटी काउंसिल के सितंबर में लिए गए फैसले के खिलाफ रहे हैं। इस बैठक में 1 जनवरी से कपड़ों और फुटवियर पर जीएसटी रेट को बढ़ाने से ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने का फैसला किया गया था।
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1000 रुपये तक के जूतों पर 5 फीसदी जीएसटी लिया जाता है। वहीं, कपड़ों की बात करें तो मैनमेड यानी आदमी द्वारा बनाई गए फाइबर, यार्न और फैब्रिक्स पर जीएसटी की दर फिलहाल 18 फीसदी, 12 फीसदी और 5 फीसदी है।
जूतों की तरह 1,000 रुपये के कपड़ों पर 5 फीसदी का जीएसटी लगता है। आर्टिफिशियल और सिंथेटिक यार्न पर जीएसटी की दर को बदलकर 12 फीसदी कर दिया गया है, लेकिन कॉटन, सिल्क, वुल यार्न जैसी नैचुरल यार्न पर 5 फीसदी का टैक्स लगता है।
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निर्मला सीतारमण[/caption]
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद के शीतकालीन सत्र में बताया था कि अप्रैल 2021 से 7 दिसंबर 2021 तक केंद्र सरकार की कुल आमदनी 7.39 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 3 लाख 63 हजार करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स, 3 लाख 61 हजार करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर और 15 हजार 375 करोड़ रुपये का अन्य आयकर शामिल है, जिसमें प्रतिभूति लेनदेन कर यानी STT शामिल है।
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जीएसटी काउंसिल मीटिंग[/caption]