चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से अपनी फसलों को नष्ट न करने और दूध को ऊंचे दामों पर न बेचने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध करना हर किसी का अधिकार है। परंतु अब कुछ लोगों द्वारा किसानों को गुमराह करके इस तरह के कठोर कदम उठाने के लिए बहकाया जा रहा है, जो सही नहीं है। "मैं अपने किसान भाइयों से अपील करता हूं कि वे ऐसे फैसले लेने से खुद को रोकें, जो न केवल आम आदमी को प्रभावित करेंगे, बल्कि इससे किसानों को भी नुकसान होगा।"
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दरअसल मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा राज्य पर ऋण के दायित्व को लेकर किए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आंकड़ों के बारे में सही जानकारी नहीं है। कांग्रेस सरकार जब सत्ता से गई थी तब राज्य पर 98,000 करोड़ रुपये का कर्ज था।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री की अपील, फसलों को नष्ट ना करें किसान[/caption]
हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हमेशा कहते हैं कि जब उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तब राज्य सरकार पर 60,000 करोड़ रुपये का ऋण था, मगर वास्तविकता यह है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा 60 हजार करोड़ रुपये में बिजली कंपनियों का 27,860 करोड़ रुपये का कर्ज जोड़ते ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भाजपा 2014-15 में सत्ता में आए तब उदय योजना के तहत बिजली कंपनियों का 27,860 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार के कर्ज में समायोजित किया गया, ताकि बिजली कंपनियों पर अधिक बोझ न पड़े।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री की अपील, फसलों को नष्ट ना करें किसान[/caption]
इस कारण ही सरकार के कुल कर्ज में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि नवंबर 2014-15 तक कांग्रेस कार्यकाल में 70,900 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था और अगर इसमें बिजली कंपनियों का 27,860 करोड़ रुपये का कर्ज जोड़ दिया जाए तो कुल कर्ज 98 हजार करोड़ रुपये बनता है। इस तरह विपक्ष के नेता 38,000 करोड़ रुपये के बारे में झूठ बोल जाते हैं।