लॉकडाउन में साइबर अपराध से बचने के लिए हरियाणा पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों को व्हाट्सएप या ईमेल पर आने वाले फर्जी लिंक से सावधान रहने की सलाह दी है। पुलिस ने अनुरोध किया है कि नागरिक सोशल मीडिया या ईमेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, क्योंकि ऐसा करने से वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था), नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधी लॉकडाउन का फायदा उठाकर भोले-भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोविड-19 के नाम पर सोशल मीडिया और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिंक को खोलने से बचें। साइबर अपराध के तरीकों को विवरण देते हुए, विर्क ने बताया कि ऐसे साइबर अपराधी पीएम केयर फंड से मिलती जुलती नकली यूपीआई आईडी के माध्यम से डोनेषन बारे कहकर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसी प्रकार, आपदा प्रबंधन को फर्जी बैंक खाता सोशल मीडिया पर डालकर उसमें पैसे जमा कराने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए सोषल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न कराएं। अंशदान करने से पहले पूरी जांच कर लें तथा इसके लिए आधिकारिक लिंक का ही प्रयोग करें। [caption id="attachment_403102" align="alignleft" width="233"] लॉकडाउन में साइबर अपराध से बचने के लिए हरियाणा पुलिस ने जारी की एडवाइजरी[/caption] साइबर ठगी के अन्य तरीकों में फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग साइट बनाकर ज्यादा डिस्कांडट पर फेस मास्क/सैनिटाइज़र बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करना, संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी वेबसाइट्स से मिलता जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी करना, डब्लुएचओ या अस्पताल से बताकर लोगों को कॉल करके कोरोना संक्रमण किट उपलब्ध करवाना तथा होम डिलीवरी के नाम पर ओटीपी मांग कर धोखाधडी करना आदि शामिल हैं। विर्क ने कहा कि लॉकडाउन में साइबर धोखाधड़ी करने वाले कोविड-19 से संबंधित मैलवेयर लिंक प्रसारित कर रहे हैं। इसे खोलते ही अपराधी रिसीवर के फोन या कंप्यूटर से पासवर्ड सहित गोपनीय डेटा चुरा लेते हैं। आपकी थोड़ी सी चूक मेहनत की कमाई गवां सकती है इसलिए लोगों को अपने ईमेल या व्हाट्सएप पर ऐसे लिंक पर क्लिक करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के फर्जी या असत्यापित लिंक को न खोलें और अज्ञात नंबरों द्वारा भेजे गए ओटीपी को साझा करने से बचें क्योंकि इससे हैकर्स को उनकी निजी जानकारी हासिल हो सकती है। ---PTC NEWS--