कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में आरक्षण के सम्बन्ध में कोर्ट ने राज्य सरकार को किया तलब
हिमचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को लागू कारने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने ये आदेश निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों के एडमिशन के सम्बन्ध में दिया है।
कोर्ट ने निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने के नियमों का पालन करने की रपोर्ट भी माँगा है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सख्त निर्देश दिया है कि कमजोर वर्ग के छात्रों सम्बन्धी प्रावधानों को पालन करवाने में दिखावा न करें।
हिमाचल हाई कोर्ट में नमिता मनिकटाला नामक व्यक्ति ने राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं होने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिकार दायर की थी जिसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट तलब की है । अदालत को बताया गया कि हिमाचल के सभी स्कूलों में कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। अदालत ने 29 मार्च को निर्धारित की है।
ज्ञात हो कि हाई कोर्ट ने सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को आदेश दिया था कि कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए और स्कूल इसकी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में नोटिस बोर्ड पर लगाए। इसके अलावा नोटिस को स्कूल के परिसर के बाहर, पंचायत घर, पंचायतों के विभिन्न वार्ड, नगर परिषद, नगरपालिका के विभिन्न वार्ड में चिपकाने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने खंड के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया था कि वह संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को आरक्षण की जानकारी दे।
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