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नई नवेली नायब सरकार के खिलाफ किसानों ने खोल दिया मोर्चा, दे दी बड़ी चेतावनी !

वर्ष 2012 से ही रोजका मेव क्षेत्र के 9 गांवों के किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयासरत है। यहां पर इन गांवों को 1600 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद से ही किसान सरकार के खिलाफ हो गए थे तभी से किसान सरकार के खिलाफ संघर्षरत है

Reported by:  Anil Mohnia  Edited by:  Baishali -- November 01st 2024 04:26 PM
नई नवेली नायब सरकार के खिलाफ किसानों ने खोल दिया मोर्चा, दे दी बड़ी चेतावनी !

नई नवेली नायब सरकार के खिलाफ किसानों ने खोल दिया मोर्चा, दे दी बड़ी चेतावनी !

नूंह: किसानों ने नई बनी नायब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लंबे समय से चल रहे अलग अलग मुद्दों पर टकराव के बीच नूंह के रोजका मेव स्थित आईएमटी में धरनारत किसानों ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर एक बड़ा ऐलान कर दिया है. किसानों में सरकार व प्रशासन के प्रति भारी नाराज़गी भी देखी गई. 

चुनाव से पहले सीएम नायब सैनी से मिला था किसानों का प्रतिनिधिमंडल 

 दरअसल विधानसभा चुनावों से पूर्व, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था। इस दौरान सीएम ने किसानों की सभी मांगों को सरकार बनने पर पूरा कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक किसानों की मांगों पर सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया गया है, जिससे किसानों ने आगामी 9 नवंबर को रोजका मेव स्थित धरना स्थल पर किसान यूनियन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की देखरेख में एक महापंचायत करने का ऐलान किया। किसानों ने एक सुर में कहा कि अब उनसे और अधिक बर्दाश्त नहीं हो रहा है. सरकार को उनकी मांग को मानना पड़ेगा। किसानों की मुख्य दो मांगे जिसमें किसानों को 25 लाख पेंडिंग मुआवजा ब्याज सहित व सरकार द्वारा किसानों से जमीन अधिग्रहण के दौरान एग्रीमेंट को कैंसल करने की मांग को जोरशोर से इस दौरान उठाया गया. 


बता दें कि वर्ष 2012 से ही रोजका मेव क्षेत्र के 9 गांवों के किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयासरत है। यहां पर इन गांवों को 1600 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बाद से ही किसान सरकार के खिलाफ हो गए थे तभी से किसान सरकार के खिलाफ संघर्षरत है। बीते 29 फरवरी से अब किसानों धरना चल रहा है। इसके बाद किसानों ने बीते 13 अगस्त को आईएमटी में चल रहे रोड, सीवरेज, पानी, पार्किंग सहित अन्य निर्माण के कार्य को पूरी तरह से बंद कर दिया था। जबकि किसान वह लगातार धरने पर अभी बैठे हुए है। 

क्या है मामला !


किसानों ने बताया कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों की करीब 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कांग्रेस सरकार के समय में किया गया था। किसानों को उस समय दो किस्तों में करीब 46 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दी गई थी। अधिग्रहण के समय किसानों से एक हलफनामा लिया गया था, जिसमें उनके कानूनी अधिकार छीन लिए गए थे। इस बात से नाराज किसान पिछले कई महीने से लगातार धीरधोका गांव में अनिश्चितकालीन धरना - प्रदर्शन कर रहे हैं और मुआवजा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने आईएमटी रोजकामेव का नाम बदलकर आईएमटी सोहना कर दिया है। जिसमें इन दिनों एशिया की सबसे बड़ी बैटरी फैक्ट्री का काम तेज गति से चल रहा है, लेकिन किसान चाहते है कि आईएमटी सोहना के विकसित होने से पहले - पहले उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से अमल करें और उनकी मांगों को अमली जामा पहनाएं।  

- PTC NEWS

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