गुरु नानक जी ने इस बरगद के पेड़ के नीचे की थी तपस्या, सरोवर में किया था स्नान...चमत्कारी है इसका जल
guru nanak birth anniversary: आज ही के दिन 1469 में गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को पाकिस्तान में स्थित श्री ननकाना साहिब में हुआ था। गुरु नानक जी की माता का नाम तृप्ता और पिता का नाम कल्याण चंद था। गुरु नानक देव ने ही सिख समाज की नींव रखी थी। इसी कारण उन्हें संस्थापक कहा जाता है।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के सानिध्य से यूपी का जनपद हापुड़ भी अभिभूत हुआ था। हापुड़ के गांव हबीसपुर विगास में गुरु नानक देव जी ने एक वृक्ष के नीचे बैठकर विश्राम कर तपस्या की थी। इस स्थान पर आज भी गुरुद्वारा साहिब में वो पेड़ और सरोवर मौजूद है। यहां पर मौजूद इस ऐतिहासिक वृक्ष के नीचे बाबा नानक जी का स्मरण करने से मनोकामना पूर्ण होती है। इसके साथ ही इस वृक्ष के नीचे आज भी लंगर होता है।
बताया जाता है की गुरु नानक देव जी ने गांव के किनारे एक बरगद के पेड़ के नीचे विश्राम के लिए ठहरे थे। उन्होंने वृक्ष के समीप एक सरोवर में स्नान और तपस्या भी की थी। कुछ दिन तक यहां रुकने के बाद वह आगे के लिए रवाना हो गए थे। इसके चलते बरगद का वृक्ष लोगों के लिए पूजनीय हो गया।
दूर दूर की संगत गुरुद्वारे में प्रकाश पर्व पर पहुंचती है। बताया जाता है की उसे सरोवर में स्नान करने से 32 तरह के रोग दूर हो जाते हैं। हबीसपुर विगास में विश्राम करने के बाद गुरु नानक देव महाराज जी गढ़ नगर स्थित नक्का कुआं रोड के निकट गुरुद्वारे में भी आए थे।
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