हिमाचल की एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर जो मांग रही है पुनर्जीवन
हिमाचल प्रदेश में तमाम पर्यटन स्थल है जहां देश विदेश लोग घूमने आते हैं । यहाँ प्राकृतिक सुन्दरता और ऐतिहासिक धरोहर लोगों को आकर्षित करते हैं । हिमाचल का ऐसा ही एक ऐतिहासिक धरोहर है गांव परागपुर-गरली जो आधुनिक व पुरातन काष्ठकला एवम व्यापार का आकर्षक केन्द्र रहा है। हिमाचल की प्रदेश सरकार ने 1991 की पर्यटन नीति के आधार पर 9 दिसंबर 1997 को परागपुर व उसके बाद वर्ष 2002 में गरली को ऐतिहासिक धरोहर गांव का दर्जा दिया था।
गरली-परागपुर में वर्षो पुरानी इमारतें बुटेल नौण,तालाब,जजिस कोर्ट,प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर जैसी कई अदभुत कलाएं देखने योग्य हैं। गरली में गहरा तालाब 150 से 200 साल पुराना बताया जाता है जो ज़मीन में पानी के स्तर को बनाएं रखता है। जिसमें अब मछलियां भी लाकर डाली गई है। दुर्भाग्यवश वश इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने का प्रयास न होने की वजह से फिलहाल इस गांव के कई घर खंडहर बन गए है। बस्ती की जीवत काष्ठकला वीरान व डरावनी लगती है। गांव की गलियां सुनी सुनी है मकानों के अंदर चमगादड़ बस रहे है। फिलहाल इस ऐतिहासिक गाँव को सहेजने के लिए सरकार को संज्ञान लेना चाहिए, इस ऐतिहासिक गाव को बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में जीवित किया जा सकता है।
रिपोर्टर : पराक्रम चन्द्र
- PTC NEWS