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कोरोनाकाल में विश्व के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक 20 से ज्यादा देशों में इस बीमारी के मरीज सामने आ चुके हैं। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक मंकीपॉक्स के लगभग 200 मामलों की पुष्टि अब तक दुनिया के अलग अलग देशों में हो चुकी है।
भारत में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट किया गया है। इस बीमारी के खतरे के बीच भारत की प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स वायरस की जांच के लिए रियल-टाइम RT PCR किट बनाने की घोषणा की है।
ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने शुक्रवार को बताया कि उनकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम ने मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए एक आरटी-पीसीआर आधारित किट विकसित की है। कंपनी की मंकीपॉक्स रियल-टाइम पीसीआर किट चार रंग फ्लोरोसेंस पर आधारित किट है। ट्रिविट्रॉन की ये किट एक ट्यूब में चेचक और मंकीपॉक्स के बीच अंतर करने में सक्ष्म है।
कंपनी का कहना है कि 1 घंटे में ये किट मंकीपॉक्स वायरस का पता लगा सकती है। चार जीन आरटी-पीसीआर किट में पहला व्यापक ऑर्थोपॉक्स ग्रुप में वायरस का पता लगाता है, दूसरा और तीसरा मंकीपॉक्स और चेचक वायरस को अलग करता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स स्मालपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपाक्स हो जए। यह इन्सानों से इन्सानों में भी फैल सकता है। तेज बुखार, आंखों में पानी आनी, लिंफ नोडस में सूजन मंकीपॉक्स के लक्षण है।
इन देशों में सामने आए मंकीपॉक्स के मरीज
अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इज़राइल और स्विट्जरलैंड सहित कई और देशों में भी मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं।-