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अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग, ISRO ने की SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग

Written by  Vinod Kumar -- August 07th 2022 12:14 PM
अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग, ISRO  ने की SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग

अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग, ISRO ने की SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से ISRO ने रविवार को एसएसएलवी (Small Satellite Launch Vehicle - SSLV) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसकी लॉन्चिंग सफल रही। रॉकेट ने दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया और इसके बाद रॉकेट अलग हो गया, लेकिन उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया। इसरो अब सेटेलाइट से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। SSLV से  EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स भेजे हैं। EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन उपग्रह हैं। ये 10 महीने तक स्पेस में काम करेगा। इसका वजन 142 किलो है। इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा इंस्टॉल किया गया है। इसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है। ये रात में भी काम करने में सक्ष्म है। इसके अलावा इसरो ने इसके एसएसएलवी के जरिए स्पेसकिड्ज इंडिया नाम की स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट आजादीसैट लॉन्च किया गया है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के 75 स्कूलों की 750 छात्राओं ने आजादीसैट का निर्माण किया है। इस उपग्रह का वजन आठ किलो है। इसमें सौर पैनल, सेल्फी कैमरे लगे हैं। इसके साथ ही लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर भी लगे हैं। भारत ने पहली बार एसएसएलवी को लॉन्च किया है। छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए अब इस रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले छोटे सेटेलाइट की लॉन्चिंग के लिए भारत को पीएसएलवी का इस्तेमाल करना पड़ता था। एसएसएलवी की सफल लॉन्चिंग के बाद भारत को दुनिया भर में एक अलग पहचान मिलेगी। एसएसएलवी एक स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है। ये पृथ्वी की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा सकता है। इससे माइक्रो, नैनो या कोई भी 500 किलो से कम वजनी सैटेलाइट भेजने में भारत सक्ष्म होगा।


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