लंदन के जाट मेले में हरियाणावी बाणा-खाणा बना पहचान, अंग्रेजों की धरती पर बनेगा जाट भवन
बहादुरगढ़/प्रदीप धनखड़: अंग्रेजों की धरती पर हरियाणा का बाणा और हरियाणा का खाणा खूब रंग जमा रहा है। लगातार सात सालों से जाट मेला लंदन अंग्रेजों की धरती पर हरियाणा का डंका बजा रहा है। जाट मेले में महिलाएं हरियाणवी पारम्परिक वेशभूषा धामण पहनकर आई तो पुरूष सफेद कुर्ता पायजामा पहनकर शामिल हुए। खाने में गुलगुले, सवाली, जलेबी , घेवर , पेठा और पूरी सब्जी बनाई गई थी। गांव देहात में जिस तरह हर पर्व की शुरूवात ग्राम देवता की धोक लगाकर की जाती है। ठीक वैसे ही लंदन के जाट मेले की शुरूआत भी दादा भईया, खेड़ा, भूमिया और जठेरा की धोक लगाकर की गई। हरियाणवी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति भी दी गई। विदेशी धरती पर देशी तड़का लगाकर हरियाणावियों ने खूब रंग जमाया है। जाट मेले में सबसे बड़ा एलान अंग्रेजों की धरती पर जाट भवन बनाने का किया गया। लंदन में आयोजित सातवें जाट मेले में जाट समाज यूके के संस्थापक रोहित अहलावत ने इसकी घोषणा की है। दरअसल अंग्रेजों की धरती पर बसे हरियाणा और दूसरे राज्यों के जाटों ने मिलकर जाट समाज यूके नाम के संगठन की स्थापना 2017 में की थी। 2017 से ही जाट समाज यूके जाट मेला लगा रहा है। जाट मेला विदेशी धरती पर अपनों का साथ और अपनी परम्परा, संस्कृति से जोड़े रखने की अनूठी मुहिम है। जिसकों साल दर साल यूरोप के दूसरे कोनो में बसे भारतीयों से भी साथ समर्थन मिल रहा है। इस बार के जाट मेले में यूरोप और यूके के दूसरे क्षेत्रों से भी भारतीय लोगों ने मेले में शिरकत कर अपने गांव देहात और परम्पराओं को देखा और उनमें रच बसकर अपनापन भी हासिल किया।