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कुमारी शैलजा ने माना अंदरूनी कलह कांग्रेस की कमजोरी, खुद दिया था अध्यक्ष पद से इत्सीफा

Written by  Vinod Kumar -- July 12th 2022 01:07 PM
कुमारी शैलजा ने माना अंदरूनी कलह कांग्रेस की कमजोरी, खुद दिया था अध्यक्ष पद से इत्सीफा

कुमारी शैलजा ने माना अंदरूनी कलह कांग्रेस की कमजोरी, खुद दिया था अध्यक्ष पद से इत्सीफा

रोहतक/सुरेंद्र सिंह: आज रोहतक में कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलेजा ने अपनी ही पार्टी को लेकर बड़ा बयान दे डाला है। शैलेजा ने कांग्रेस के संगठन के गठन को लेकर कहा की कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी अंदरूनी कलह है। यह बात मैं पहले भी कहती रही हूं अब भी कहने से गुरेज नहीं करती हूं। कुलदीप बिश्नोई को लेकर उन्होंने कहा की कुलदीप बिश्नोई से राज्यसभा चुनाव से पहले ही बात कर लेनी चाहिए थी। आखिर वो हमारे विधायक भी हैं। हर मामले राहुल या मैडम को बीच में नहीं लाना चाहिए। अब तो उन्होंने अन्य रास्ते पर जाने का फैसला ले लिया है। कांग्रेस पार्टी एक बड़ी पार्टी है सब की आशंकाएं और महत्वकांक्षाएं पूरी नहीं हो सकती हैं। परिस्थितियां बदलती रहती हैं। कांग्रेस का सच्चा सिपाही वही है जो परिस्थितियां में डटा रहे। अब तक कांग्रेस के संगठन का गठन नहीं होने पर कहा मेरे से पहले भी संगठन नहीं बन पाया था, जिसका नुकसान हुआ है। कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी पार्टी की अंदरूनी कलह के कारण है। अब तक संगठन नहीं बन पाया। मैने खुद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। नए अध्यक्ष को मैने बधाई भी दी थी। नए अध्यक्ष की जिम्मेवारी है अब कांग्रेस को आगे ले कर जाए। कुमारी शेलेजा ने गोवा के प्रकरण पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए बोली कि बीजेपी लोकतंत्र को खत्म करने में लगी हुई है। बीजेपी एक के बाद एक राज्य में साम दाम दण्ड भेद अपना कर सरकार बनाने में लगे लगी हुई है आपने अभी महाराष्ट्र में देखा अब गोवा में देख रहे है। कैसे चुने हुए विधायको को लोभ लालच दे रहे है सरकार बना रहे है। बीजेपी डेमोक्रेसी संस्थानों और लोकतंत्र को खत्म करने में लगे हुए है। अलग हरियाणा विधान सभा भवन को बनाने को लेकर कुमार शैलजा ने कहा कि चंडीगढ़ पर हमारा दावा कमजोर नहीं और मजबूत होगा। राजधानी, एसवाईएल पानी को लेकर हमारा शुरू से ही पंजाब के साथ विवाद रहा है। हरियाणा पंजाब से ही निकला है। मैं पहले भी पंजाब को बड़े भाई कहती रही हूं। अगले विधान सभा भवन अगर चंडीगढ़ में बने तो दावेदारी कमजोर नहीं होगी। अब नया परी सीमन होगा तो विधायकों की सीटें भी बढ़ेंगी। नया विधानसभा भवन की जरूरत तो होगी। एसवाईएल पानी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही माना जायेगा।


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