गुरसेवक को बेटे ने आर्मी यूनिफॉर्म में दी अंतिम विदाई, बेटे का मुंह भी नहीं देख सका परिवार
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले नायक गुरसेवक सिंह को उनके तीन साल के बेटे फतेहदीप ने डोडे सोढ़ियां गांव में मुखाग्नि दी। फतहदीप ने आर्मी यूनिफॉर्म में अपने पिता को विदाई दी। इस यूनिफॉर्म को मां ने हाल में ही खरीदा था। गुरसेवक ने अपने बेटे को सेना के कपड़ों में देखने की इच्छा जाहिर की थी।
[caption id="attachment_557753" align="alignnone" width="300"] पिता को सैल्यूट करता बेटा फतेहदीप[/caption]
आर्मी की यूनिफॉर्म पहने 4 साल के फतेहदीप ने जब अपने शहीद पिता की अर्थी को आखिरी सैल्यूट किया तो वहां मौजूद सभी लोगों का कलेजा फट पड़ा। पूरा इलाका भारत माता की जय, गुरसेवक सिंह अमर रहें के नारों से गूंज उठा।जब तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया जा रहा था तो उनके घर के पास सड़क के दोनों किनारों पर बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े थे। गुरसेवक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने के बाद ग्रामीण पीछे-पीछे दौड़ते रहे। घर में चीख पुकार मच गई। पिता और भाई-बहन ताबूत से लिपट-लिपट कर रोए। वहीं शहीद के परिजनों का हाल देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। वे शहीद गुरसेवक सिंह अमर रहे के नारे लगाते रहे।
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अंतिम संस्कार में बिलखते हुए गुरसेवक के पिता[/caption]
उनके परिवार में उनकी पत्नी जसप्रीत कौर, बेटियां सिमरतदीप कौर (9), गुरलीन कौर (7), बेटा फतहदीप और पिता कबल सिंह 2 बहनें और 5 भाई हैं। पूरा परिवार खेतीबाड़ी से जुड़ा है। उनका परिवार आखिरी बार उनका चेहरा देखना चाहता था। इसके लिए उन्होंने मिन्नतें भी की, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि शरीर की हालत बहुत खराब थी।
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गुरसेवक सिंह[/caption]
परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के अलावा सिंह के अंतिम संस्कार में तरन तारन के उपायुक्त कुलवंत सिंह, सेना और प्रशासनिक अधिकारी समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। उपायुक्त ने बताया कि सरकार के नियम के अनुसार सिंह के परिवार को अनुग्रह राशि दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी और उनके बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी।