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मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध विवादों में, ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को घेरा

Written by  Arvind Kumar -- August 20th 2020 10:07 AM -- Updated: August 20th 2020 10:09 AM
मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध विवादों में, ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को घेरा

मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध विवादों में, ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को घेरा

कुरुक्षेत्र। (अशोक यादव) कुरुक्षेत्र के शाहबाद उपमंडल के गांव मोहनपुर-मदनपुर में मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध विवादों में है। कहा जा रहा है कि तटबंध बना है जबकि जमीनी हकीकत जुदा है। मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक भी पहुंचा है लेकिन फाईलो में कार्रवाई चल रही है। उधर  सिचांई विभाग के एक्सईएन ने कहा कि शरारतीतत्वों ने बांध के साथ छेड़खाड़ की है। चाहे कुछ भी हो विभाग की लापरवाही के चलते दर्जनों गांवों में फसल जलमग्न है। दरअसल हर साल मानसून से पहले मारकंडा में खस्ताहाल पटरी की रिपेयर व बांध बनाने के लिए लाखों रुपये की राशि जारी की जाती है। आरोप है कि असल में यह राशि मारकंडा की पटरी की रिपेयर पर खर्च होने की बजाय कागजों में ही बांध के नाम पर सिंचाई विभाग डकार जाता है। Marakanda River embankment Farmers allegation on department मोहनपुर व मदनपुर के बीच ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को उजागर किया। ग्रामीण गुरविंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सालों बीत गए पटरी की रिपेयर नहीं हुई, जबकि कागजों में हर वर्ष लाखों रुपये की राशि खर्च की गई है। यही नहीं जब मारकंडा में पानी आता है, तभी सिंचाई विभाग जागता है। मोहनपुर व मदनपुर के बीच में बांध बनाने को लेकर ग्रामीण कई बार सिंचाई विभाग को गुहार लगा चुके हैं। कागजों में बांध की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 40 फीट है, लेकिन इसे अभी तक पक्का नहीं किया गया है। उधर सिंचाई विभाग के एक्सईएन गुरविंद्र सिंह ने दावा किया कि कुछ शरातती तत्वों ने बांध के साथ छेड़छाड़ की है। मारकंडा के उफान को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरी तरह अलर्ट है। बांध के टूटने की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग ने तुरंत काम शुरू कर दिया था और उसे बंद कर दिया था। ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। गांवों की आबादी पूरी तरह सुरक्षित है। ---PTC NEWS---


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