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शहीद हरि सिंह को दी गई अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब

Written by  Arvind Kumar -- February 19th 2019 01:33 PM -- Updated: February 19th 2019 01:36 PM
शहीद हरि सिंह को दी गई अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब

शहीद हरि सिंह को दी गई अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब

रेवाड़ी। (मोहिंदर भारती) जम्मू कश्मीर के पुलवामा इलाके में एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए रेवाड़ी जिला के गांव राजगढ़ के जवान हरि सिंह (Hari Singh) को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 10 माह के मासूम लक्ष्य ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। 83 आर्म्ड रेजिमेंट ने सेना की ओर से शहीद को सलामी दी वहीं हरियाणा पुलिस के जवानों ने भी शहीद को सलामी दी। शहीद को अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा, राव नरबीर सिंह, राज्यमंत्री डॉ. बनवारीलाल, विधायक रणधीर कापड़ीवास, पूर्व मंत्री शकुंतला भगवादिया, डॉ. एमएल रंगा, चौ जसवंत बावल, पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह व रामेश्वर दयाल सहित बीजेपी के अनेक पदाधिकारी व एडीजीपी श्रीकांत जाधव, डीसी अशोक शर्मा, एसपी राहुल शर्मा के अलावा तमाम प्रशासनिक अधिकारी एवं विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियो ने दी शहीद को श्रद्धांजलि दी। [caption id="attachment_258807" align="aligncenter" width="700"]Hari Singh शहीद को अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा।[/caption] दोस्तों के मुताबिक हरि सिंह बचपन से ही न सिर्फ हंसमुख और बड़ा ही जुझारू था, बल्कि उसमें देशभक्ति को लेकर बड़ा भारी जज्बा भी था और सेना में भर्ती होने के लिए वह सुबह शाम घंटों पसीना बहाता था। भर्ती के दौरान जब उसका मेडिकल आया तो सिर से पिता का साया उठ गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी और आखिर अपना मुकाम हासिल कर ही लिया, लेकिन आज जिस तरह आतंकी हमले में उसकी जान चली गई, उसे लेकर दोस्तों को भारी दुख है। [caption id="attachment_258809" align="alignnone" width="700"]Hari Singh अपना अधिकांश समय दोस्तों के साथ व्यतीत करता था शहीद हरि सिंह[/caption] यह भी पढे़ं : पूर्व सैनिक की सराहनीय पहल, अपनी पेंशन व बेटे का एक महीने का वेतन आर्मी रिलीफ फंड में दिया शहीद के दोस्तों ने बताया कि हरिसिंह जब भी छुट्टी आता था, तो अधिकांश समय उनके साथ व्यतीत करता था तथा इतना मिलनसार था कि गांव का हर व्यक्ति उसे देखकर खुश हो जाता था, जिससे हर कोई उसे प्यार करता था। छोटे बच्चों से उसे बड़ा भारी लगाव था। वह गांव के युवाओं को भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था। ग्रामीणों के मुताबिक इस गांव के हर घर से एक युवक सेना में तैनात है और यहां तक कि कई घरों में तो 2 से 3 युवक तक सेना में रहकर देश को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें दुख भी है और गर्व भी है कि हरिसिंह आज उनके बीच नहीं है। यह भी पढे़ंदुश्मनों से लोहा लेने वाला फौजी सिस्टम के आगे बेबस, न्याय की लगा रहा गुहार 


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