केंद्रीय खेल मंत्री के गृह जिले में रेहड़ी पर सब्जी बेच रहा नेशनल हॉकी खिलाड़ी, छलका दर्द
नेशनल डेस्क: भारत में सैकड़ों प्रतिभाएं संसाधनों के अभाव और आर्थिक तंगी के चलते दम तोड़ देती है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ चुके ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्हें अपना घर चलाने के लिए छोटा मोटा कारोबार करना पड़ता है। एक ऐसे ही खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) जिले से हैं। राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल चुका ये खिलाड़ी (National Hockey Player) रेहड़ी पर सब्जी बेचने को मजबूर है। राष्ट्रीय स्तर के इस खिलाड़ी की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। इस खिलाड़ी केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह जिले से ही संबंध रखता है। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा चुके सुनील आज सब्जी बेचने के लिए मजबूर कर दिया है। सुनील के माता-पिता दोनों की तबीयत खराब रहती है। सुनील का कहना है कि घर चलाने की मजबूरी ने उन्हें खेल से दूर कर दिया। [caption id="attachment_557651" align="alignnone" width="275"] राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुनील[/caption] सुनील हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की हॉकी टीम के कैप्टन भी रह चुके हैं। स्कूल स्तर से लेकर 2017 में कॉलेज तक उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, लेकिन अब वो सब्जी बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं। सुनील के पिता का नाम वेद प्रकाश है। उनकी उम्र 63 साल हो चुकी है। वो डायबिटीज के मरीज हैं। सुनील की मां का नाम पुष्पा है। उन्हें लीवर की बीमारी है। अपने माता-पिता के इलाज का खर्च उठाने के लिए नेशनल लेवल के हॉकी के खिलाड़ी सुनील रेहड़ी पर सब्जी बेचने को मजबूर हो गए हैं। सुनील ने कहा कि सरकार को जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों को भी सरकारी नौकरी देनी चाहिए। उनके लिए कोटा फिक्स होना चाहिए। नेशनल लेवल पर हॉकी खेल चुके खिलाड़ियों की हालत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि मैं रेहड़ी पर सब्जी बेच रहा हूं। सरकार को जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों की भी मदद करनी चाहिए।