मन की बात: इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र को हुआ था कुचलने का प्रयास, छीन गए थे लोगों के हक-पीएम मोदी
जून माह के आखिरी रविवार को पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के समय लगाई गई इमरजेंसी पर कहा कि उस दौर में भारत के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी में देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर सेंसरशिप लगा दी गई थी। बिना स्वीकृति के कुछ भी छापा तक नहीं जा सकता था, लेकिन इन सब मुश्किलों के बाद भी भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही आपातकाल को हटाकर देश में वापस लोकतंत्र की स्थापना की। मन की बात के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरा होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन आपातकाल के उस भयावह दौर को हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए। लोगों के जीवन का अधिकार छीना गया था। इसके बावजूद लोगों ने लोकतंत्र में विश्वास को नहीं खोया। पीएम मोदी ने कहा, आज भारत कई क्षेत्रों में सफलता के आसमान को छू रहा है। । आज से कुछ साल पहले हमारे देश में स्पेस सेक्टर में स्टार्ट अप के बारे में कोई सोचता तक नहीं था। आज इनकी संख्या 100 से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा, देश का युवा आकाश छूने को तैयार है तो हमारा देश कैसे पीछे रह सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि इन स्पेस कार्यक्रम के दौरान मैं मेहसाणा की स्कूली छात्रा तनवी पटेल से मिला था। वो एक बहुत ही छोटे सैटेलाइट पर काम कर रही हैं, जो अगले कुछ महीनों में स्पेस में लॉन्च होने जा रही है। देश के करीब साढ़े सात सौ स्कूल और छात्र, अमृत महोत्सव में ऐसे ही 75 सेटैलाइट्स पर काम कर रहे हैं। इसमे खुशी की बात ये है कि इनमें से अधिकतर छात्र देश के छोटे शहरों से हैं।