जानिए कब होगा 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण, देश में जल्द शुरू होगा नेजल-डीएनए आधारित वैक्सीनेशन
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस के मौके पर देश को संबोधित (PM Narendra Modi address to nation ) किया। पीएम मोदी ने क्रिसमस और नए साल के आगमन की तैयारियों के बीच देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की। पीएम मोदी ने कहा, सभी लोग 2022 के स्वागत की तैयारियों में लगे हुए हैं, लेकिन इस उत्साह और उमंग के साथ हम सभी को सचेत भी रहना है।आज दुनिया में ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। भारत में भी कई लोग इससे संक्रमित हुए हैं, इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि मास्क जरूर पहनें और हाथों को थोड़ी थोड़ी देर में धोएं। आज जब वायरस म्यूटेट हो रहा है तो हमारी चुनौती भी बढ़ रही है।' इस मौके पर पीएम मोदी ने कुछ बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि अगले साल 3 जनवरी 2022 से 15-18 साल की आयु के बच्चों के लिये वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। यह फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को डॉक्टरों की सलाह पर एहतियाती खुराक दी जाएगी। पीएम ने 'बूस्टर डोज' का जिक्र ना करते हुए, इसे 'एहतियाती खुराक' का नाम दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम सभी ने अनुभव किया है कि इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। वे अब भी अपना काफी समय कोरोना वायरस के रोगियों की सेवा में बिताते हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही नेजल (Nasal Vaccine) और डीएनए आधारित टीका भी जल्द ही भारत में शुरू होगा। प्रधानमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए कहा, 'मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि भय का माहौल ना बनाएं। सावधान और सतर्क जरूर रहें। पिछले 11 महीने से देश में जारी वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दौरान आज भारत 141 करोड़ टीकों की खुराक के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य' को पार कर चुका है और भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को टीकों की दोनों खुराक और वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को एक खुराक दी जा चुकी है।