महाभारत के 'भीम' का निधन, ओलंपिक-कॉमनवैल्थ गेम्स में कर चुके हैं भारत का प्रतिनधित्व
mahabharat star parveen kumar: बीआर चोपड़ा के मशहूर टीवी सीरियल ‘महाभारत’ में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का निधन हो गया है। प्रवीण कुमार 74 साल के थे। इनका जन्म पंजाब में हुआ था। प्रवीण अपने लंबी कदकाठी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाई। साढ़े 6 फीट लंबे प्रवीण कुमार अभिनेता होने के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी थे। बह हेमर और डिस्कस थ्रो एथलीट थे।
उन्होंने कॉमनवेल्थ, ओलंपिक, एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। प्रवीण कुमार सोबती ने दो बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह एशियाई खेलों में चार मेडल (2 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य) जीत चुके थे। उन्होंने दो ओलंपिक खेलों (1968 मैक्सिको और 1972 म्यूनिख) में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। खेल के कारण ही प्रवीण कुमार को सीमा सुरक्षा बल ( BSF) में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिली। खेल के प्रति उनके योगदान के लिए साल 1967 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था।
खेल में सफल करियर बनाने के बाद, प्रवीण ने 70 के दशक के अंत में शोबिज में अपना करियर शुरू किया। साल 1981 में फिल्म 'रक्षा' में अहम भूमिका निभाई। बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन की 'शहंशाह' में 'मुख्तार सिंह' के रूप में उनकी सबसे यादगार उपस्थिति थी।
प्रवीण की फिल्मोग्राफी में 'करिश्मा कुदरत का', 'युद्ध', 'जबरदस्त', 'सिंहासन', 'खुदगर्ज', 'लोहा', 'मोहब्बत के दुश्मन', 'इलाका' और अन्य जैसे कई फिल्मों का हिस्सा रहे। 80 के दशक के आखिरी वक्त में उन्हें बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में भीम की भूमिका निभाने के लिए साइन किया गया। दर्शकों के जेहन में यह किरदार काफी अहम रहा।
साल 2013 में, प्रवीण ने राजनीति में अपना करियर बनाने की कोशिश की और वज़ीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। प्रवीण ने 2021 में पंजाब सरकार से पेंशन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी।
पेंशन को लेकर प्रवीण कुमार ने मीडिया में कहा था कि पंजाब की जितनी भी सरकारें आईं, सभी से उनकी शिकायत है। जितने भी एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले प्लेयर थे, उन सभी को पेंशन दी, लेकिन उन्हें वंचित रखा गया, जबकि सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते। वो अकेले एथलीट थे, जिन्होंने कॉमनवेल्थ को रिप्रेजेंट किया। फिर भी पेंशन के मामले में उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ। हालांकि, अभी उन्हें बीएसएफ से पेंशन मिल रही है।