नवजोत सिद्धू को जेल में मच्छरदानी समेत मिला ये सामान, पहली रात को नहीं खाया खाना
पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को 34 साल पुराने रोड रेज केस में सजा सुनाए जाने के बाद पटियाला कोर्ट में सरेंडर किया था। मेडिकल चेकअप के बाद सिद्धू को जेल भेज दिया गया।
बीती रात सिद्धू की जेल में पहली रात थी। पटियाला सेंट्रल जेल में सिद्ध को कैदी नंबर और बैरक नंबर भी मिल चुका है। सिद्धू का कैदी नंबर 241383 है। बैरक नंबर सात में सिद्धू के साथ चार अन्य कैदी रह रहे हैं।
सिद्धू को पटियाला जेल में एक कुर्सी-मेज, दो पगड़ी, एक अलमारी, एक कंबल, एक बेड, तीन अंडरवियर और बनियान, दो टॉवल, एक मच्छरदानी, एक कॉपी-पेन, एक शूज की जोड़ी, दो बेडशीट, चार कुर्ते-पजामे, दो तकिये के कवर दिए गए हैं। सिद्धू को जेल में आम कैदियों की तरह ही रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू ने पहली रात को जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया।
ये है मामला
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे। यहां कार पार्किंग को लेकर सिद्धू का मृतक गुरनाम सिंह के साथ विवाद हो गया। सिद्धू ने गुस्से में आकर 66 साल के गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। इससे गुरनाम सिंह बेहोश होकर नीचे गिर गए। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दिल का दौरा बताया गया। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।
निचली अदालत ने 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। इसके बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। उस समय अरुण जेटली ने उनका केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हाईकोर्ट की सजा को पलट दिया था और 1 हजार रुपये का जुर्माना सुनया था। इसके बाद पीड़ित परिवार की रिव्यू पीटिशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई।